इंडियन एयरलाइंस-एयर इंडिया के विलय, 111 विमानों की खरीद की जांच करेगी सीबीआई
सीबीआई ने इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया के विलय, 111 विमानों की खरीद, विमानों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं और एयर इंडिया के मुनाफे वाले मार्गों को छोड़ने के मामले की जांच के लिए तीन एफआईआर और एक प्रारंभिक जांच दर्ज की है.
सीबीआई के प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा कि ये प्राथमिकी नागर विमानन मंत्रालय तथा एयर इंडिया के अग्यान अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज की गई हैं. ये मामले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित हैं, जिससे सरकार को हजारों करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.
ये भी पढ़े: SBI ग्राहकों को लगा बड़ा झटका, 1 जून से इन सेवाओं के लिए वसूलेगा एक्स्ट्रा चार्ज
IA-AI विलय के अन्य सौदों की भी होगी जांच
सीबीआई एयर इंडिया व इंडियन एयरलाइंस के विलय के साथ साथ इन दोनों कंपनियों द्वारा विमानों की खरीद व उन्हें पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं की जांच करेगी. आरोप है कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में हुए इन सौदों से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. सीबीआई ने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में इन दोनों कंपनियों के संबंध में किए गए विवादास्पद फैसलों की जांच के लिए तीन एफआईआर और एक प्रारंभिक जांच दर्ज की है.
इसमें मुनाफे वाले मार्गों को निजी विमानन कंपनियों के लिए छोड़ने का मामला भी शामिल है. सीबीआई के प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा कि एयर इंडिया व नागर विमानन मंत्रालय के अग्यात अधिकारियों व अन्य के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं.
ये मामले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसलों से संबंधित हैं, जिससे सरकार को हजारों करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.
पहली FIR: आरोप राष्ट्रीय विमानन कंपनियों द्वारा 111 विमानों की खरीद के बारे में हैं जिनकी लागत 70,000 करोड़ रुपये थी. इसमें विदेशी विमान विनिर्माताओं को फायदा पहुंचा. इस तरह की खरीद से पहले से ही संकट से गुजर रही राष्ट्रीय विमानन कंपनियों को वित्तीय घाटा हुआ . कैग ने 2011 में सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाया था.
दूसरी FIR: मामला बड़ी संख्या में विमानों को लीज पर दिए जाने से जुड़ा है.
तीसरी FIR: मामला मुनाफे वाले मार्ग विदेशी कंपनियों के लिए छोड़ने का है. एयर इंडिया के इस फैसले से कंपनी को भारी नुकसान हुआ.
एजेंसी दोनों कंपनियों के विलय के सौदे के विभिन्न पहलुओं की भी जांच करेगी. सीबीआई ने यह कदम उच्चतम न्यायालय के पांच जनवरी के एक निर्देश के मद्देनजर उठाया है. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि दोनों सरकारी विमानन कंपनियों के विलय के संबंध में सभी भागीदार उसकी निगरानी में हैं. उल्लेखनीय है कि इन कंपनियों के विलय की प्रक्रिया तत्कालीन नागर विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने 16 मार्च 2006 को शुरू की थी.