पीएम मोदी का आदेश मिलते ही भारत ने शुरू की जंग
नई दिल्ली : इंडिया का गुस्सा देखकर भी पाक बाज नहीं आ रहा। अब उसे गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। इंडियन आर्मी ने जंग का आगाज कर दिया है। जुबानी जंग पाकिस्तान की कई दिनो से जारी है। उसका जवाब देने के लिए भारत ने हथियारों की जंग शुरू कर दी है। सेना ने बॉर्डर पर सबसे घातक हथियार भेजे हैं। जिसके बाद पाकिस्तान में आर्मी को अलर्ट पर रखा गया है।
भारत सीमा पर हथियारों की तैनाती
जम्मू-कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने संबंधी ‘सबूत’ सामने आने के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ लगती सीमा पर अपनी सामरिक तैयारियां मजबूत करनी शुरू कर दी हैं। 778 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर सैनिकों की नई सिरे से तैनाती के अलावा हथियारों को भी तैनात किया गया है।
मोदी ने दिया है खुला आदेश
इससे पहले आर्मी ने अपनी तैयारियों के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कई प्रेजेंटेशन पेश किए। इनमें से एक में मिलिटरी ऑपरेशन डायरेक्टरेट भी थे और इस दौरान नक्शों और सैंड-मॉडल्स के जरिए सारे ब्योरे पेश किए गए।
हुईं कई बैठकें
एक सूत्र ने कहा, ‘पिछले दो दिनों के दौरान शीर्ष स्तर की और भी कई बैठकें हो चुकी हैं जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ हुई बैठक भी शामिल है। इन बैठकों में लाइन ऑफ कंट्रोल पर सेना की तैयारियों और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए मौजूद सैन्य विकल्पों पर चर्चा की गई।’
खुल्लमखुल्ला हमला होगा
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी कैंपों और अन्य ठिकानों पर गुप्त तरीके से या खुल्लमखुल्ला हमला करने के विकल्प पर भी बात की गई है।
हालांकि, इन पर बहुत सोच-विचार कर तभी आगे बढ़ा जाएगा जब लक्ष्य बिल्कुल साफ हों और कूटनीतिक तरीकों से उचित नतीजे नहीं हासिल हों।
बड़े स्तर पर युद्ध की संभावना नहीं
हालांकि, बड़े स्तर पर युद्ध की संभावना नहीं है क्योंकि दिसंबर 2001 में संसद पर हुए हमले के बाद जिस तरह ऑपरेशन पराक्रम के तहत सीमा पर सैनिकों की तैनाती की गई थी, इस बार वैसा नहीं है।
जिस तरह भारत सीमा पर अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ा रहा है ठीक उसी तरह पाकिस्तान ने भी सीमा पर अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है और अपनी आर्टिलरी की मौजूदगी बढ़ाई है।
भारत के पास और भी विकल्प
पाकिस्तान के अंदर घुसकर सीमित परंतु दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए भारत के पास कई विकल्प हैं। इनमें 155एमएम आर्टिलरी गन्स, स्मर्च रॉकेट्स और लड़ाकू विमानों की मदद से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागने का विकल्प शामिल है।