जब इंटरनेशनल कोर्ट में दूसरी बार जज चुने गए दलवीर भंडारी, तो सुषमा बोलीं- भारत की जीत हुई

जोधपुर: जस्टिस दलवीर भंडारी दूसरी बार हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में चुने गए हैं। लंबी इलेक्शन प्रॉसेस के बाद आखिरकार उनके ब्रिटिश कॉम्पिटीटर जस्टिस क्रिस्टोफर ग्रीनवुड ने अपनी दावेदारी वापस ले ली। भारतीय समयानुसार सोमवार देर रात 2:25 बजे जस्टिस भंडारी के चुने जाने का एलान हुआ। वे इस आर्गनाइजेशन में दो बार पहुंचने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनके खिलाफ मैदान में जस्टिस ग्रीनवुड के आईसीजे की दौड़ से बाहर होते ही यह पहला मौका होगा जब यूएस, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस (पी-5) का कोई जज इंटरनेशनल कोर्ट में नहीं होगा।
भंडारी को जनरल असेंबली के 183 और सिक्युरिटी काउंसिल के सभी 15 वोट मिले
– जस्टिस ग्रीनवुड के मैदान से हटने के बावजूद यूनाइटेड नेशंस में वोटिंग हुई। इसमें जस्टिस भंडारी को जनरल असेंबली के 183 और सिक्युरिटी काउंसिल के सभी 15 वोट मिले।
– वे 2012 में आईसीजे के जज बने थे, उनका टेन्याेर 18 फरवरी में पूरा हो रहा है। इससे पहले भारत से जस्टिस नगेंद्र सिंह ICJ में दो बार चुने जा चुके हैं।
– भंडारी की इस जीत को भारत की बड़ी डिप्लोमेटिक कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने जस्टिस भंडारी के लिए जबर्दस्त कैम्पेन किया था।
– सुषमा ने ट्वीट किया, “वंदे मातरम्- इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत की जीत हुई है। जय हिंद।”
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पाक में कैद भारतीय जाधव को फांसी से बचाया था
– जज बनने के बाद आईसीजे में अब तक जितने भी फैसले हुए हैं, उनमें जस्टिस भंडारी का स्पेशल ओपिनियन रहा है।
– उन्होंने समुद्री विवादों, अंटार्कटिका में हत्या, नरसंहार के अपराध, महाद्वीपीय शेल्फ के परिसीमन, न्यूक्लियर डिसार्मामेंट (परमाणु निरस्त्रीकरण), टेरर फाइनेसिंग, वॉयलेशन ऑफ यूनिवर्सल राइट्स जैसे केसों में अहम भूमिका निभाई।
– इसके अलावा पाकिस्तान में कैद भारतीय कुलभूषण जाधव को फांसी से बचाने में भी जस्टिस भंडारी का अहम राेल था। उन्होंने 2008 के भारत-पाक समझौते का हवाला देते हुए कहा था कि पाक ने ह्यूमन राइट्स का वायलेशन किया है।
पद्मभूषण से सम्मानित हैं जस्टिस भंडारी
– जोधपुर के नामी वकील महावीरचंद भंडारी के घर 1946 में जन्मे जस्टिस भंडारी ने जोधपुर यूनिवर्सिटी से लॉ करने के बाद अमेरिका से मास्टर्स डिग्री ली।
– राजस्थान हाईकोर्ट में कुछ सालों की प्रैक्टिस के बाद वे दिल्ली में प्रैक्टिस करने लगे। जस्टिस दलवीर भंडारी को 2014 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
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आईसीजे है 15 जजों की अदालत
– आईसीजे नीदरलैंड के हेग में स्थित है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आर्टिकल 93 के मुताबिक युनाईटेड नेशंस के सभी 193 मैंबर्स देश आईसीजे में इंसाफ पाने के हकदार हैं। हालांकि, जो देश यूएन के मैंबर नहीं है वे भी अपील कर सकते हैं।
– इसमें 15 जज होते हैं जिनका टेन्योर 9 साल का होता है। हर तीसरे साल 5 नए जज इसमें चुने जाते हैं, दूसरे जज दूसरी बार चुने जा सकते हैं। जिसके लिए जस्टिस भंडारी चुने गए हैं।






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