इंजीनियरिंग के इन दो विद्यार्थियों ने सबसे हल्के पुल का कांसेप्ट किया साकार, बन गए ‘ब्रिज क्रांति’ विजेता

इरादे मजबूत हों तो मंजिल मिल ही जाती है, यह कहावत इंजीनियरिंग के उन दो विद्यार्थियों पर सटीक बैठती है जिन्होंने सबसे हल्के पुल का कांसेप्ट साकार किया है। मॉडल के तौर पर आइसक्रीम स्टिक से ऐसा पुल बनाया है, जो एक आदमी का वजन आसानी से उठा सकता है। शुरुआत में बनाए गए स्टिक पुल वजन रखने पर टूटकर बिखर गए। कई प्रयास के बाद उन्होंने यूनीफॉर्मली बेयरिंग लोड (यूवीएल) कांसेप्ट पर पुल बनाया है।

महज 239 ग्राम के पुल ने 52.5 किलो वजन उठाकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) की ‘ब्रिज क्रांति’ प्रतियोगिता में जीत दर्ज कराई है। जोनल विजेता रहे इस पुल को कानपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआइटी) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र सौरभ सिंह व वैष्णवी मिश्रा ने बनाया है। वैष्णवी ने बताया कि आने वाला समय कम सामग्री से बनने वाले पुलों का है। इसी कांसेप्ट पर यह पुल तैयार किया। इसमें तराजू लटकाकर 52.2 किलो का वजन रखा गया। पुल ने इस वजन को न केवल संभाला बल्कि वह टस से मस भी नहीं हुआ। मैकेनिज्म यह है कि पुल पर वजन रखते ही भार अलग-अलग हिस्से में बंट जाता है।

कम सामग्री व लागत में बनाए जा सकते हैं बड़े पुल

छात्र सौरभ सिंह ने बताया कि पुल के ऊपर गोलाकार बेस बनाया गया है, जो उसे संतुलित रखने के साथ वजन को बांट देता है। यूवीएल कॉसेप्ट पर हल्के वजन के ऐसे बड़े पुल तैयार किए जा सकते हैं। इस कांसेप्ट की खास बात यह है कि कम सामग्री व कम लागत में ऐसे पुल बनाए जाने पर काम शुरू हो चुका है। अब वह एकेटीयू की ओर से 23 नवंबर को होने वाली राज्यस्तरीय ब्रिज क्रांति प्रतियोगिता में भाग लेंगे।

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