आषाढ़ माह में कब है देवशयनी एकादशी और गुरु पूर्णिमा?

अब जल्द ही आषाढ़ माह की शुरुआत होने जा रही है। इस माह में देवशयनी एकादशी व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करने के लिए जाते हैं। इसी एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत होती है।

चातुर्मास में शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। इस माह में कई व्रत और पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाए जाते हैं, जिनका विशेष महत्व है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आषाढ़ माह में कब और कौन-सा व्रत और पर्व मनाया जाएगा।

आषाढ़ के प्रमुख त्योहार-व्रत
12 जून से आषाढ़ माह की शुरुआत होगी।
14 जून को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी।
15 जून को मिथुन संक्रान्ति है।
18 जून को कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
21 जून को योगिनी एकादशी व्रत किया जाएगा।
22 जून को योगिनी एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। साथ ही मासिक कार्तिगाई मनाई जाएगी।
23 जून को सोम प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन महादेव के संग मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने का अधिक महत्व है।
24 जून को रोहिणी व्रत किया जाएगा।
25 जून को आषाढ़ अमावस्या मनाई जाएगी।
26 जून को आषाढ़ गुप्त नवरात्र की शुरुआत होगी।
27 जून से जगन्नाथ रथयात्रा की शुरू होगी।
28 जून को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।
30 जून को स्कन्द षष्ठी है।
01 जुलाई को कल्की जयन्ती है।
03 जुलाई को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी।
06 जुलाई को देवशयनी एकादशी व्रत किया जाएगा।
07 जुलाई को देवशयनी एकादशी व्रत पारण का पारण किया जाएगा। इसी दिन वासुदेव द्वादशी मनाई जाएगी।
08 जुलाई को भौम प्रदोष व्रत किया जाएगा।
10 जुलाई को कोकिला व्रत और गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है।

आषाढ़ माह में क्या करें
अषाढ़ के महीने में पूर्वजों का पिंडदान, तर्पण और पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन कामों को करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही पितृ दोष की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा गरीब लोगों में दान जरूर करें। इससे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होगी और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

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