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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को यहां कहा कि बैंकों की दबाव वाली परिसंपत्तियों (फंसे हुए कर्जे) का समाधान जरूरी है ताकि बैंकिंग प्रणाली की सेहत बरकरार रहे।
उन्होंने कहा कि फंसे हुए कर्जो पर यथास्थिति बरकरार रखना अस्वीकार्य है और इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक को यह अधिकार दिया गया है कि वह ऐसे कर्जो की पहचान कर उसका तुरंत समाधान कर सके।
उन्होंने कहा कि आरबीआई को अधिकार प्रदान करने के लिए सरकार ने बैंकिंग कानून में बदलाव के लिए अध्यादेश का रास्ता अपनाया है।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पिछली रात बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन के अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए।
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बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां कुल कर्ज का 17 फीसदी तक हो गई है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।