आरबीआई के इस एलान से एटीएम के इस्तेमाल में लगने वाले शुल्क में होगा बदलाव

आम जनता द्वारा प्रयोग किए जाने वाले अन्य बैंकों के एटीएम पर लगने वाले शुल्क में बदलाव होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने इसका गुरुवार को एलान करते हुए कहा कि शुल्क में बदलाव के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। इसके अलावा गुरुवार को जारी हुई मौद्रिक समीक्षा नीति में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को घटाकर 5.75 फीसदी व बैंकों में आरटीजीएस और एनईएफटी में लगने वाले शुल्क को माफ कर दिया है। 

 

तीन से पांच ट्रांजेक्शन होते हैं फ्री
देश के सभी बैंक हर महीने तीन से लेकर के पांच ट्रांजेक्शन अपने एटीएम पर मुफ्त देते हैं। वहीं अन्य बैंकों के एटीएम मुफ्त प्रयोग पर जगह के हिसाब से तय किया गया है। मुफ्त ट्रांजेक्शन की संख्या मेट्रो, नॉन मेट्रो और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग तय की गई है। 

 

एसबीआई में लगते हैं 20 रुपये
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में छह बड़े मेट्रो शहरों में महीने के तीन ट्रांजेक्शन मुफ्त होते हैं। दूसरी जगह पर महीने के पहले पांच ट्रांजेक्शन मुफ्त होते हैं। इसके बाद बैंक 20 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) की दर से वित्तीय ट्रांजेक्शन और आठ रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) गैर-वित्तीय ट्रांजेक्शन के लिए वसूलता है। निजी सेक्टर के प्रमुख बैंक आईसीआईसीआई में भी एसबीआई के समान हीं ट्रांजेक्शन मुफ्त हैं। केवल गैर वित्तीय ट्रांजेक्शन पर 8.50 रुपये लगते हैं। 
आरबीआई ने जारी किया स्टेटमेंट
आरबीआई ने कहा है कि बहुत दिनों से बैंक के पास एटीएम पर लगने वाले शुल्क और फीस में बदलाव करने की मांग हो रही है। इसको देखते हुए बैंक ने एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें सभी बैंक और एटीएम सेवा देने वाली कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस कमेटी में भारतीय बैंक संघ के सीईओ, अध्यक्ष होंगे। यह कमेटी अपनी पहली बैठक के दो महीने बाद रिपोर्ट सौंपेगी। 
धीरे-धीरे घट रही है एटीएम की संख्या
देश भर में एटीएम की संख्या लगातार घट रही है। कम मुनाफे के चलते बैंक और निजी कंपनियां एटीएम को बंद कर रहे हैं। हालांकि इनमें होने वाले ट्रांजेक्शन की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 
हाल में जारी आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 2011 के बाद से पिछले दो वित्तीय वर्ष में ही एटीएम की संख्या घटी है, इससे पहले लगातार नए एटीएम लगाए जा रहे थे। 

दो साल में बंद हुए 800 एटीएम

आरबीआई के अनुसार, 2011 में जहां देश में कुल एटीएम की संख्या 75 हजार 600 थी, वहीं 2017 में यह बढ़कर 2 लाख 22 हजार 500 हो गई। हालांकि, इसके बाद पिछले दो वित्तीय वर्षों में एटीएम की संख्या लगातार घट रही है और 2019 मार्च तक देश में कुल 2 लाख 21 हजार 700 एटीएम थे।

इस तरह दो वित्तीय वर्षों में ही 800 एटीएम बंद हो गए। दूसरी ओर, 2017 में जहां देश में एटीएम का कुल इस्तेमाल 71.06 करोड़ बार हुआ था, वहीं 2019 ये संख्या बढ़कर 89.23 करोड़ पहुंच गई। यानी दो वित्तीय वर्षों में ही एटीएम से 18.17 करोड़ बार ज्यादा ट्रांजेक्शन हुआ। 

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