आम चुनाव 2019 में राजस्थान में जनता ने कितने पढ़े लिखे सांसदों पर जताया विश्वास,डॉक्टर, सीए करेंगे जनता की सेवा

लोकसभा चुनाव में राजस्थान की जनता ने इस बार केवल बीजेपी का उम्मीदवार देखकर ही उन पर विश्वास नहीं जताया, बल्कि उनकी पढाई-लिखाई को भी प्राथमिकता दी. जनता ने ऐसे नेताओं को चुना है, जो खुद पढ़े लिखे हैं. इन पांच सालों में मरूधरा के लिए एलएलबी, सीए से लेकर पूर्व आईएएस जनता की सेवा करेंगे. चलिए आपको बताते हैं आखिर इस बार जनता ने कितने पढ़े लिखे सांसदों पर विश्वास जताया है.

इस बार ऐसे भी कई सांसद हैं जिन्होंने विदेश में पढ़ाई की है. यानि इन पांच सालों में सभी पढ़े लिखे सांसद ही काम करेंगे. राजस्थान में इस बार सबसे अच्छी बात ये है कि कोई भी सांसद अनपढ़ नहीं है इसलिए पांच सालों में राजस्थान के उन नेताओं के हाथ में कमान होगी, जिनसे जनता को अपने और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी उम्मीदे हैं.

पढ़े लिखे सांसद होने से वो अपने फैसले ले सकेंगे और जनता के हितों पर काम कर सकेंगे. राजस्थान में इस बार 25 सांसदों में से 12 सांसद ग्रेजुएट, 8 सांसद पोस्ट ग्रेजुएट और दो 12वीं पास सांसद हैं. हालांकि दो सांसद ऐसे हैं जो केवल दसवी पास हैं जबकि भरतपुर की सांसद रंजीता कोली सिर्फ 9वी पास हैं. 25 में से दो सांसद ऐसे हैं, जिन्होने विदेश में पढाई की है. झालावाड-बांरा से सांसद दुष्यंत सिंह ने स्विट्जरलैण्ड और राजसमंद सांसद दीयाकुमारी ने लंदन से पढ़ाई की जबकि बीकानेर से सांसद अर्जुनराम मेघवाल पूर्व आईएएस अधिकारी रहे चुके हैं. भीलवाडा से सांसद सुभाष चंद बहेड़िया सीएस हैं. उदयपुर से अर्जुनलाल मीणा, पाली से पीपी चौधरी एडवोकेट हैं. जबकि करौली से सांसद चुने गए मनोज राजोरिया होम्योपेथिक डॉक्टर हैं.

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