आपदा में बह गईं पेयजल लाइनें, 35 हजार लोग बूंद-बूंद को तरसे

राजपुर, जाखन, मालसी के हजारों लोग पेयजल के लिए प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं। स्रोतों पर लोग सुबह से लाइन लगा रहे हैं।

आपदा ने दून में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। सड़कों-पुलों, घरों के अलावा पेयजल लाइनों को भी नुकसान हुआ। जगह-जगह पेयजल लाइनें टूटने या बहने से दून के विभिन्न क्षेत्रों में करीब 35 हजार लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस गए है। पांच दिन बीतने के बाद भी जल संस्थान शिखर फॉल से बाधित हुई पेयजल आपूर्ति को भी सुचारू नहीं कर पाया है।

इससे राजपुर, जाखन, मालसी के हजारों लोग पेयजल के लिए प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं। स्रोतों पर लोग सुबह से लाइन लगा रहे हैं। शिखर फॉल की लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। राजपुर क्षेत्र के वार्ड-एक, चार, मालसी, कुठालगेट, सपेरा बस्ती, सुमन नगर और कैरवान गांव समेत कई मोहल्लों में पानी की आपूर्ति ठप है। लोगों को ओल्ड मसूरी रोड किनारे बह रहे प्राकृतिक स्रोतों से पानी भरकर काम चलाना पड़ रहा है। सचिव पेयजल शैलेश बगौली ने 17 सितंबर को निरीक्षण के दाैरान निर्देश दिए थे कि 19 सितंबर तक सभी घरों में आपूर्ति बहाल की जाए लेकिन अब तक आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी है।

हालात ये हैं कि लोग घर से स्कूटर, बाइक में पानी के केन, डिब्बे लेकर राजपुर क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद तपस्थली के सामने खाई में प्राकृतिक स्रोत पर लाइन में लग जाते हैं। कुछ युवा ऐसे भी हैं जो यहीं नहा रहे हैं। महिलाएं कपड़े धो रही हैं। बता दें कि शिखर फॉल से राजपुर और देहरादून शहर की अन्य काॅलोनियों में भी पेयजल आपूर्ति की जाती है। वहीं, शनिवार को भी जल संस्थान की टीमें आपूर्ति बहाल करने में जुटी रहीं। देर शाम तक दिलाराम बाजार से ऊपर के क्षेत्रों में जलापूर्ति ठीक कर दी गई। प्रभावित इलाकों में टैंकरों से आपूर्ति की जा रही है लेकिन जहां रास्ते टूटे हैं वहां टैंकर भी नहीं पहुंच रहे हैं।

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