आपको भी आया है भोलेबाबा का बुलावा, तो यात्रा पर जाते समय रखें इन बातों का ध्यान

2 मई से केदारनाथ धाम (Kedarnath Yatra 2025) के पट खुल चुके हैं और कई लोग बाबा के दर्शन के लिए मंदिर जाने का प्लान कर रहे हैं। हालांकि केदारनाथ या चारधाम की यात्रा करने से पहले और यात्रा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं जरूरी बातों के बारे में बताएंगे।

केदारनाथ धाम (Kedarnath Yatra 2025) के पट खुल चुके हैं और मंदिर खुलने के पहले ही दिन हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन करने पहुंचे। यह मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख मंदिरों में से एक है, जिसके खुलने का इंतजार लोग बेसब्री से करते हैं। केदारनाथ मंदिर कई मायनों में खास होता है और इसलिए लोग मुश्किलों से भरा रास्ता तय कर यहां तक पहुंचते हैं। अगर आप भी इस साल केदारनाथ मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें।

फिटनेस का ख्याल रखें
केदारनाथ और इसके मार्ग पर पहुंचने के लिए आपको पैदल चलना होता है और यहां काफी ट्रैकिंग करनी होती है। इसलिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ लोग ही यहां जाने का प्लान बनाएं।

यात्रा शुरू होने से कम से कम 2 महीने पहले प्राणायाम, दौड़ और हार्ट से जुड़े व्यायाम करें। साथ गी अपनी इम्युनिटी और शारीरिक सहनशक्ति को मजबूत करें।

साथ रखें जरूरत का सामान
यात्रा के दौरान अपने साथ पानी, पैकेज्ड फूड, एनर्जी बार, चॉकलेट और रेडी-टू-ईट फूड रखें।
यात्रा पर जाने के लिए सही ट्रैकिंग शूज और मजबूत जूते साथ ले जाएं। पहाड़ों पर चलने के लिए चप्पल और सैंडल काम नहीं आएंगे।

सही कपड़ों का चयन करें
यात्रा के दौरान अपने साथ ऊनी कपड़े रखें, क्योंकि उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में रात के समय ठंडी बढ़ सकती हैं।
अगर संभव हो तो साड़ी पहनने से बचें और इसके बजाय सूट-सलवार, पैंट या ट्राउजर पहनना चाहिए।
मेडिकल इमरजेंसी किट और फर्स्ट एड किट अपने साथ जरूर रखें।

केदारनाथ यात्रा 2025- जरूरी नंबर
यात्रा कंट्रोल रूम नंबर- 01364-297878 और 01364-297879
केदारनाथ हेली हेल्पलाइन- +91 98709 63731

क्यों खास है केदारनाथ धाम
केदारनाथ धाम कई मायनों में खास माना जाता है। यह सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के बीच इसका गहरा आध्यात्मिक महत्व है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ ही यह चार धामों में से भी एक है। ऐसा माना जाता है कि इस पावन स्थन की दर्शन करने से मोक्ष यानी मुक्ति मिलती है।

कहां मौजूद है मंदिर?
यह पवित्र स्थल भारत के खूबसूरत राज्यों में से एक उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में मौजूद रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3,583 मीटर (11,755 फीट) है। यह ऊंची चोटियों और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है। इसलिए यहां का नजारा स्वर्ग से कम नहीं माना जाता।

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