आधा हिंदुस्तान बाढ़ की कहर से परेशान, गुजरात में 100 से ज्यादा लोगों की मौत

इस साल मॉनसून के बारिश से आधा हिंदुस्तान परेशान है. देश के कई राज्यों में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. गुजरात में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.

आधा हिंदुस्तान बाढ़ की कहर परेशान

जान जोखिम में डालकर नदी की तेज धार को पार करने वाली ये तस्वीरें आपके रौंगटे खड़े कर देंगी. ये कोई एडवेंचरस गेम नहीं है और न ही इस नदी को पार कर रहे ये लोग किसी गेम का हिस्सा हैं. दरअसल ये उत्तरकाशी से 185 किलोमीटर दूर हलारा खंड के रहने वाले लोगों की मुश्किल जिंदगी की तस्वीरें हैं. भारी बारिश से सड़क बह जाने की वजह से इन्हें अपनी जान हथेली पर रखकर इस तरह से नदी पार करना पड़ रहा है. यहां के लोग प्रशासन से मदद की अपील कर रहे हैं.

ये तस्वीरें राजस्थान के जालौर की हैं. इन्हें देखकर ऐसा लग रहा है कि ये कोई नदी है लेकिन ये नदी नहीं दरअसल जोधपुर का हाइवे है और यहां पिछले एक हफ्ते से हो रही लगातार बारिश की वजह से गढवाड़ा गांव में बांडी नदी के ऊपर बना पुल टूट गया है जिसकी वजह से हाईवे पर 5 से 6 फीट उंचाई तक पानी भर गया है और आवाजाही पूरी तरह ठप है.

ये मंजर गुजरात के बनासकांठा का है जहां लगातार कई दिनों से हो रही भयंकर बारिश ने तबाही मचा रखी है. गुजरात में बाढ़ की बजह से सबसे ज्यादा नुकसान बनासकांठा को ही हुआ है. अबतक यहां करीब करीब 57 लोगों की जान भी जा चुकी है. कल गुजरात के सीएम विजय रुपानी ने बनासकांठा में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें मुवाअजे का आश्वासन दिया.

पाटन में एयरफोर्स का ये रेस्क्यू ऑपरेशन काबिले तारीफ है. आपको बता दें कि जिस व्यक्ति को रेस्क्यू किया जा रहा है उसकी 17 हड्डियां टूट गई थीं और जब एयरफोर्स को पता लगा कि उसे मदद की जरुरत है, तो बिना समय गंवाए सिर्फ आधे घंटे के अंदर उस शख्स को बचा लिया गया.

बड़वानी में बाढ़ पीड़ितों ने कफन के साथ प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ कफन सत्याग्रह कर अपना दर्द बयां किया. सरकार और प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे इन लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात में गुजरात में 26 लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त कर रहे हैं लेकिन बाढ़ प्रभावित दो लाख लोगों के लिए कोई संवेदना व्यक्त नहीं की.

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