आत्मनिर्भर भारत के लिए गेम-चेंजर है माइक्रो चिप, PM मोदी ‘सेमीकॉन इंडिया-2025’ सम्मेलन में आज लेंगे भाग

दुनिया में अभी ताइवान अमेरिका चीन दक्षिण कोरिया मलेशिया जैसे देश चिप का निर्माण करते हैं। वहीं अब भारत ने भी स्वदेशी चिप बना ली जो कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है। वहीं सेमीकॉन इंडिया 2025 के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में निर्मित सबसे छोटी चिप दुनिया के सबसे बड़े बदलाव को ड्राइव करेगी।

कंप्यूटर से लेकर स्मार्टफोन और स्पेसक्राफ्ट तक, हर स्मार्ट डिवाइस सेमीकंडक्टर चिप से ही चलती है। चिप की दुनिया में ताइवान का राज है क्योंकि 60 फीसदी चिप यहीं की एक कंपनी बनाती है। वहीं अब भारत ने भी स्वदेशी चिप बना ली जो कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।

दुनिया में अभी ताइवान, अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया, मलेशिया जैसे देश चिप का निर्माण करते हैं। सेमीकॉन इंडिया 2025 के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में निर्मित सबसे छोटी चिप दुनिया के सबसे बड़े बदलाव को ड्राइव करेगी। उन्होंने कहा कि पहले दुनिया का भाग्य तेल के कुओं से तय होता था, लेकिन अब 21वीं शताब्दी की शक्ति छोटी सी चिप में सिमट कर रह गई है। तेल अगर काला सोना है तो चिप डिजिटल हीरा है।

भारत में निर्मित चिप की ये है विशेषताएं
पहली पूर्ण स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर ”विक्रम 3201” चिप में कस्टम इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर है। यह चिप एक समय में 32 बिट डाटा को मैनेज कर सकती है। कंप्यूटर में डाटा मेमोरी में जगह घेरता है। इसे मापने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे छोटी यूनिट बिट कहलाती है।
माइक्रोप्रोसेसर की मदद से प्रक्षेपण यानों के नेविगेशन और नियंत्रण में मदद मिलती है। यह चिप अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में काफी मददगार हो सकती है। प्रोसेसर्स के सभी टूल्स भी स्वदेशी हैं।
इसमें एडीए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के लिए उच्च-स्तरीय समर्थन भी है, जो अपनी विश्वसनीयता के लिए जानी जाती है। उपग्रहों, वायु यातायात नियंत्रण प्रणालियों और रॉकेटों में इसका उपयोग होता है।
चिप को अंतरिक्ष की मुश्किल परिस्थितियों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह -55 से 125 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को झेल सकती है।
देश में चिप निर्माण से जुड़े 10 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा हैं। इनमें 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। चार प्रोजेक्ट्स में पायलट आधार पर चिप का निर्माण हो रहा है। दुनियाभर में बनने वाली चिप डिजाइनिंग का 20 प्रतिशत काम भारत में होता है।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में क्वालकाम, इंटेल, एनवीडिया, ब्राडकाम और मीडियाटेक जैसी वैश्विक कंपनियों ने बेंगलुरु, हैदराबाद और नोएडा में बड़े रिसर्च एंड डेवलपमेंट और डिजाइन केंद्र स्थापित किए हैं।

पीएम मोदी आज ‘सेमीकॉन इंडिया-2025’ में सीईओ गोलमेज सम्मेलन में भाग लेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन के एक भाग के रूप में एक उच्च-स्तरीय सीईओ गोलमेज सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसमें भारत को एक वैश्विक सेमीकंडक्टर निर्माण और नवाचार केंद्र में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की जाएगी।

इस गोलमेज सम्मेलन में अग्रणी वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों के शीर्ष अधिकारी एक साथ आएंगे। बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर चर्चा करने, रणनीतिक सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने और उद्योग के दृष्टिकोण को समझने के लिए सीईओ के साथ सीधे बातचीत करेंगे।

चिप के फील्ड में निवेश योजनाओं, तकनीकी नवाचारों पर होगा विचार
कंपनी के प्रमुख प्रधानमंत्री को अपनी निवेश योजनाओं, तकनीकी नवाचारों और नीतिगत अपेक्षाओं के बारे में भी जानकारी देंगे। यह सीईओ गोलमेज सम्मेलन, सेमीकॉन इंडिया 2025 के एक बड़े आयोजन का हिस्सा है, जो 2 से 4 सितंबर तक नई दिल्ली में आयोजित होने वाला एक ऐतिहासिक तीन दिवसीय सम्मेलन है।

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