आतंकियों की रैली में शामिल हुए पंजाब प्रांत के स्पीकर, कहा- हमने 1971 का बदला ले लिया

भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान में नेताओं और आतंकियों के बीच का फर्क अब खत्म होता हुआ नजर आ रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। इसका एक चौंकाने वाला उदाहरण हाल ही में देखने को मिला।
पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष मलिक अहमद खान एक रैली में लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी और आतंकी संगठन के नेता हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद के साथ मंच पर नजर आए।
पाक ने आतंकी कसूरी को बताया निर्दोष
स्पीकर मलिक अहमद खान ने सैफुल्लाह कसूरी का बचाव किया। जब पत्रकारों ने मलिक अहमद खान से रैली में उनकी मौजूदगी के बारे में पूछा, उन्होंने कहा सही जांच के बिना कसूरी को दोषी नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कसूर शहर से उनका व्यक्तिगत जुड़ाव है, इसलिए वो रैली में शामिल हुए।
लश्कर आतंकी ने किया 1971 के बदले का दावा
रैली में लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्ला कसूरी ने कहा, ’10 मई को हमने 1971 का बदला ले लिया।’ अमेरिका की तरफ से घोषित आतंकी सैफुल्लाह कसूरी और मजम्मिल हाशमी ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश की हार का बदला ले लिया है।
तल्हा सईद और कसूरी की रैली में मौजूदगी भारत के ऑपरेशन सिंदूर के कई दिन बाद देखी गई, इस रैली में लश्कर के आतंकवादियों की तरफ से 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की हार का बदला लेने का जश्न मनाया जा रहा है।
रैली में दिए नफरत भरे बयान
28 मई को गुजरांवाला में एक रैली में मुजम्मिल हाशमी और अन्य लोगों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए नफरत भरी टिप्पणियां कीं। मोदी, आपकी मिसाइलों से हमारे बच्चे नहीं डरे। आपकी गोलियां हमें क्यों डराएंगी?’