आगरा में सुशासन का काला सच…हर 10 में 3 शिकायतों का फर्जी निस्तारण

आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की समीक्षा में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ। हर 10 शिकायतों में से तीन शिकायतों का निस्तारण फर्जी किया गया।च
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन शिकायतों के निस्तारण के बारे में संवेदनशील हैं। जनसुनवाई को सुशासन का आधार माना जा रहा है। लेकिन, हर 10 में 3 शिकायतों का निस्तारण फर्जी हो रहा है। ये हम नहीं, एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) की फीडबैक कह रही है।
मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह ने सोमवार को कर-करेत्तर व आईजीआरएस की समीक्षा की। मंडल की छठवीं रैंक है। मंडलायुक्त ने कहा कि इस तरह की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि जन शिकायतों का समाधान करते समय अधिकारियों ने शिकायतकर्ता से वार्ता नहीं की। इस वजह से असंतुष्ट फीडबैक मिल रही है।
उन्होंने शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि प्रत्येक फरियादी को फोन करें। स्थलीय निरीक्षण, फोटोग्राफी कराएं, खानापूर्ति नहीं की जाए। उधर, कलेक्ट्रेट में डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने भी आईजीआरएस की समीक्षा की।
उन्हें 31% फरियादी निस्तारण से असंतुष्ट मिले। डीएम ने कहा कि पिछले तीन महीने में संतुष्टि की दर बढ़ी है, लेकिन अभी भी कई विभाग लापरवाही बरत रहे हैं। विद्युत, पूर्ति, आंगनबाड़ी आदि के अधिकारियों को चेतावनी जारी की गई है। अगर सुधार नहीं होता है तो लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।