आगरा: प्रेदश की पहली गोशाला, जहां स्थापित होगा दो मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र

आगरा नगर निगम की कान्हा गोशाला में दो मेगावाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। यह प्रदेश की पहली गोशाला होगी, जहां नगर निगम वर्ष 2025 की हरित भविष्य के लिए नवीकरणीय ऊर्जा थीम को साकार करते हुए यह संयंत्र लगाने जा रहा है।

गोबर से बनाया जा रहा गोकाष्ठ
गोशाला में पहले से ही गोबर से गोकाष्ठ बनाया जा रहा है, जिसका उपयोग अंतिम संस्कार व धार्मिक अनुष्ठानों में लकड़ी के विकल्प के रूप में किया जा रहा है। इससे वनों की कटाई पर नियंत्रण और पर्यावरण संतुलन को बनाने में मदद मिल रही है। अब यह गोशाला ऊर्जा के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित करेगी। यहां पहले से ही 100 सोलर स्ट्रीट लाइटें लगी हुईं हैं। अब साैर ऊर्जा संयंत्र लगाने की तैयारी की जा रही है। यह परियोजना नगर निगम बॉन्ड योजना के अंतर्गत क्रियान्वित की जा रही है, जिससे यह प्रदेश की पहली गोशाला बनेगी जो इतनी बड़ी मात्रा में स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन और उपयोग करेगी।

मिट्टी बंजर और भूजल खारा
गोशाला ऐसी भूमि पर स्थित है, जहां मिट्टी बंजर और भूजल खारा है। इसके बावजूद यहां मियावाकी तकनीक के जरिए 5000 वर्ग मीटर क्षेत्र में घना जंगल विकसित किया गया है जो जैव विविधता को बढ़ावा देता है और एक प्राकृतिक ऑक्सीजन जोन के रूप में कार्य करता है।

ऊर्जा, हरियाली और नवाचार का केंद्र बन चुकी गोशाला
गोशाला के पशु कल्याण अधिकारी व प्रभारी डॉ. अजय सिंह ने बताया कि गोशाला अब केवल गोसेवा तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह ऊर्जा, हरियाली और नवाचार का केंद्र बन चुकी है। हमारा उद्देश्य हर पशु को सम्मान और प्रकृति के साथ संतुलन प्रदान करना है। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि कान्हा गोशाला की यह परियोजना न केवल आगरा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक आदर्श है।

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