आईसीसी, बीसीसीआई को दे रहा है सबसे बड़ा धोखा, विश्व क्रिकेट पर पड़ रहा बुरा असर

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बीच चल रही रार अभी थमने वाली नहीं है और आ रहे संकेतों से साफ दिखाई दे रहा है कि इसके परिणाम पूरे विश्व क्रिकेट को प्रभावित करेंगे। दुबई में हुई आईसीसी बोर्ड बैठक में अलग-थलग पड़ा दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड 7 मई को विशेष आम सभा (एसजीएम) करने जा रहा है और आईसीसी को सबक सिखाने के लिए एक जून से इंग्लैंड में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से हटने का भी फैसला लिया जा सकता है।आईसीसी, बीसीसीआई को दे

आईसीसी बैठक से भाग लेकर आए बीसीसीआई के एक पदाधिकारी ने कहा कि यह मामला सिर्फ राजस्व का नहीं बल्कि बीसीसीआई के वजूद का है। हम दुनिया में क्रिकेट को सबसे ज्यादा धन देते हैं और हमें ही हमारा हक नहीं मिल रहा है। अगर इस बार आईसीसी के सामने झुक गए तो जीवन भर हमें गुलाम रहना होगा। निसंदेह हमारा मानना है कि बीसीसीआई को आईसीसी का गुलाम नहीं बनना चाहिए। इसके लिए सख्त से सख्त कदम उठाने से भी नहीं चूकना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राजस्व के मामले में भी चेयरमैन शशांक मनोहर वाली आईसीसी सबकी आंखों में धूल झोंक रही है। वर्ष 2014 के बिग थ्री मॉडल के हिसाब से आठ साल में आईसीसी का राजस्व 2.5 बिलियन डॉलर होने पर भारत को 569 मिलियन डॉलर मिलने थे। अगर यह 2.7 बिलियन होते तो भारत को 610 मिलियन डॉलर मिलते।

शशांक कह रहे हैं कि हम आईसीसी को 569 की जगह 290 मिलियन दे रहे हैं लेकिन असलियत यह है कि वह आईसीसी का राजस्व 2.7 बिलियन डॉलर होने पर इतना धन देंगे। अगर उसका राजस्व 2.5 बिलियन डॉलर रहता है तो भारत को सिर्फ 255 मिलियन डॉलर ही मिलेंगे। हमने बोर्ड बैठक में उनसे कहा था कि 2014 के बिग थ्री मॉडल के आधार पर हम दो साल तक उसकी अन्य शर्तें निभा चुके हैं। हमने इसके लिए विदेश में कई टूर्नामेंट खेले जिससे उन देशों को आय हुई। आईसीसी को आय हुई। अब उनके वादा निभाने का समय था।

हमने बाकी देशों से यह भी कहा कि आईसीसी आपको जो बढ़ा हुआ धन दे रहा है हम ऐसी व्यवस्था करेंगे आपको उतना ही धन मिलेगा लेकिन बीसीसीआई का हिस्सा कम नहीं होगा। शशांक की तरफ से बीसीसीआई को 100 मिलियन डॉलर अतिरिक्त (कुल 390 मिलियन डॉलर) देने का प्रस्ताव भी आया तो हमने उनसे 450 मिलियन डॉलर देने को कहा लेकिन वह उसमें भी नहीं माने।

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अगर अदालत गया मामला तो

भारत के चैंपियंस ट्रॉफी से हटने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) के अलग रुख अपनाने पर पदाधिकारी ने कहा कि इन मामलों पर फैसला लेने का अधिकारी बीसीसीआई को ही है। अगर सीओए इस पर कुछ कहता है या अदालत का रुख करता है तो यह आगे की बात है।

नए वित्तीय मॉडल से बीसीबी खुश

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के अध्यक्ष नजमुल हसन ने आईसीसी के नए वित्तीय मॉडल पर खुशी जताई है। हमें पहले आईसीसी से 7.6 करोड़ डॉलर मिलते थे, लेकिन अब हमें आठ साल में 13.2 करोड़ मिलेंगे। हमें अब सालाना 95 लाख डॉलर के बजाय 1.65 करोड़ डॉलर की बढ़ी हुई रकम मिलेगी। यह लगभग दोगुनी है और हमारे क्रिकेट के लिए यह बहुत अच्छा है।

उन्होंने कहा- जब मैं आईसीसी का निदेशक था, तब मेरी भूमिका अलग थी और मुझे सभी के बारे में सोचना था, लेकिन इस बार मैं बीसीबी अध्यक्ष की हैसियत से गया था और मेरा ध्यान सिर्फ बांग्लादेश के हित में सोचना था। यह नया मॉडल हमारे लिए बहुत ही कारगर है।

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