आईपीएस का आरोप- योगी आदित्‍य नाथ के सीएम बनते ही यूपी पुलिस से हटाए जा रहे यादव

उत्‍तर प्रदेश में योगी आदित्‍य नाथ के नेतृत्‍व में भाजपा की सरकार बनने के बाद एक आईपीएस अधिकारी ने डीजीपी पर जाति विशेष के अधिकारियों को ‘सजा’ देने का आरोप लगाया है।

हालांकि जब मीडिया में उनके ट्वीट की चर्चा शुरू हुई तो सफाई देते हुए कहा कि लोगों ने गलत मतलब निकाला। यूपी कैडर के 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार फिलहाल फिरोजाबाद के एसपी हैं। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा था कि ”कुछ वरिष्‍ठ अधिकारियों में उन सभी पुलिस कर्मचारियों को सस्‍पेंड/लाइन हाजिर करने की जल्‍दी है जिनके नाम में ‘यादव’ है।” मंगलवार को पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने रिपोर्ट दी कि ‘नोएडा और गाजियाबाद में 90 सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।’ मिश्रा के मुताबिक इन्‍हें ‘कारखास कहते हैं और आईपीएस-नेता मिलकर इनसे वसूली कराते थे।’ इसी ट्वीट पर हिमांशु ने जवाब देते हुए पूछा कि ‘आखिर डीजीपी ने मेरे द्वारा बिसरख नोएडा में फाइल की गई एफआईआर की सही से जांच कराने की इजाजत क्‍यों नहीं दी? आखिर डीजीपी कार्यालय अफसरों को जाति के नाम पर लोगों को परेशान करने के लिए मजबूर क्‍यों कर रहा है?’हिमांशु ने अगले ट्वीट में पूछा, ”आईजी मेरठ ने उस केस को गाजियाबाद क्‍यों ट्रांसफर कर दिया? किसके दबाव में?” हालांकि कुछ देर बाद आईपीएस ने ट्वीट कर कहा कि ‘कुछ लोगों ने मेरा ट्वीट का गलत मतलब निकाला। मैं सरकार के प्रयास का समर्थन करता हूं।” हिमांशु ने अपना विवादित ट्वीट भी डिलीट कर दिया। इस पर जब एक यूजर ने पूछा कि क्‍या आपको भी ट्रांसफर का डर सता रहा है तो हिमांशु ने लिखा, ”मुझे कई बार ट्रांसफर किया गया है। मैंने ईमानदारी से काम किया है और बिना किसी डर व प्रलोभन के, जबकि मेरे ऊपर दबाव था।” समाजवादी पार्टी की प्रवक्‍ता जूही सिंह ने भी इस पूरे विवाद पर ट्वीट किया। जूही ने एक टीवी पत्रकार पर ‘निजी महत्‍वाकांक्षा’ के तहत ट्वीट करने का आरोप लगाया।हिमांशु कुमार पर पिछले साल उनकी पत्‍नी ने दहेज प्रताड़ना से लेकर गैर-विवाहेत्‍तर संबंध होने के आरोप लगाए थे। कुमार की पत्‍नी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, डीजपी और चीफ सेक्रेट्री तक को शिकायत की थी, जिसके बाद हिमांशु के खिलाफ जांच भी बैठाई गई थी।

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