आइशी घोष ने किए थे ये कारनामें, हिंसा वाले दिन ही दर्ज की गईं थीं दो एफआईआर
नई दिल्ली। जेएनयू में पांच जनवरी की शाम हुई हिंसा के कुछ देर बाद ही दिल्ली पुलिस ने स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष आइशी घोष के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं। आइशी पर गार्ड के साथ मारपीट और सर्वर रूम में तोड़फोड़ के मामले दर्ज किए गए। ये दोनों ही घटनाएं कैंपस में तोड़फोड़ और मारपीट से दो दिन पहले की थीं।
जेएनयू प्रशासन ने 3 जनवरी और 4 जनवरी को वसंत कुंज पुलिस स्टेशन को दो शिकायतें दी थीं। इनमें जबरन सर्वर रूम में घुसने और सुरक्षाकर्मियों को उनकी ड्यूटी से रोकने और बदसलूकी का आरोप लगाया था। इसी शिकायत के आधार पर आइशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि ये दोनों एफआईआर महज 5 मिनट के अंदर दर्ज की गईं।
हॉस्टल फीस के खिलाफ जेएनयू में लंबे समय से आंदोलन चल रहा था। इसी बीच रजिस्ट्रेशन का वक्त आ गया और जेएनयू प्रशासन ने 1 से 5 जनवरी के बीच नए सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का फैसला किया। लेफ्ट विंग से जुड़े छात्र संगठन इस फैसले का विरोध करते रहे और प्रशासन पर हॉस्टल फीस वापसी का दबाव बनाने लगे। इसी क्रम में छात्र यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम तक पहुंच गए।
जेएनयू प्रशासन ने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है एडमिन ब्लॉक के नजदीक सर्वर रूम में छात्र जबरन घुसे, वहां की बिजली सप्लाई काट दी और सर्वर को बंद कर दिया गया। इसके अलावा शिकायत में आरोप लगाया गया कि जब गार्ड ने छात्रों को रोकने की कोशिश की तो उनके साथ भी मारपीट की गई। शिकायत में कई छात्रों के नाम के साथ जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष का भी नाम दिया गया, जिसके बाद रविवार को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
दिलचस्प बात ये है कि रविवार शाम करीब 6.30 बजे जेएनयू में नकाबपोश लोगों ने हॉस्टलों में घुसकर न सिर्फ तोड़फोड़ की बल्कि छात्रों और टीचर्स को भी पीटा गया। इस हमले में आइशी घोष भी जख्मी हुईं। लेकिन हिंसक घटना के कुछ देर बाद ही आइशी के खिलाफ 3 और 4 जनवरी की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई। आइशी पर पहली एफआईआर रात 8.44 बजे और दूसरी रात 8.49 बजे दर्ज की गई।
साउथ-वेस्ट डीसीपी देवेंद्र आर्या ने बताया कि पांच जनवरी की हिंसा के लिए एक एफआईआर दर्ज की गई है। जबकि दो एफआईआर सर्वर रूम में हंगामा और तोड़फोड़ से जुड़ी हैं। डीसीपी ने बताया कि आरोपियों की पहचान की जा रही है और फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।