आइए बिना और देर किए जान लेते हैं इन डेस्टिनेशंस के बारे में जहां..
होली फेस्टिवल को लेकर लोगों में अलग ही उत्साह और उमंग देखने को मिलता है। हफ्ते भर पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं और कई जगहों पर तो महीनों पहले। होली का त्योहार इस साल 8 मार्च को मनाया जाएगा, जो बुधवार को है। तो अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं तो होली आपको ये मौका भी दे रहा है। डोंट वरी हम आपको मथुरा, वृंदावन, ऋषिकेश या पुष्कर जाने का आइडिया नहीं देने वाले, बल्कि हम तो आपको ऐसे ऑफबीट डेस्टिनेशन बताने वाले हैं, जहां आप घूमने-फिरने के साथ होली मना सकते हैं। सबसे अच्छी बात कि यहां सिंपल तरीके से होली खेली जाती है लेकिन फिर भी यह आपके लिए यादगार बन सकती है। तो आइए बिना और देर किए जान लेते हैं इन डेस्टिनेशंस के बारे में।
बंगाल
बंगाल में होने वाली होली को डोल जात्रा के रूप में जाना जाता है। यह होली से एक दिन पहले ही मनाया जाता है। इस मौके पर महिलाएं पारंपरिक लाल बॉर्डर वाली सफ़ेद साड़ी पहनती हैं। बाकी जगहों की तरह ही यहां भी होली का जश्न दो दिनों तक मनाया जाता है। यहां होली पर लोग सूखे रंग या गुलाल का ही इस्तेमाल करते हैं।
मणिपुर
चौंकिए नहीं, मणिपुर में भी होली खेली जाती है। मणिपुर में होली यहां होने वाले योसंग त्यौहार के साथ मनाई जाती है। इन दोनों ही त्योहारों का जश्न पूरे 6 दिनों तक चलता है। जिस दौरान आप मौज-मस्ती के साथ तरह-तरह के जायकों का भी आनंद ले सकते हैं। मणिपुर आएं तो यहां के मशहूर आकर्षणों को देखना बिल्कुल मिस न करें।
केरल
कई लोगों को लगता है कि केरल में कहां ही होली का त्योहार मनाया जाता होगा, तो आपको बता दें कि केरल आकर भी आप मौज-मस्ती के साथ होली का त्योहार मना सकते हैं। केरला में होली को मंजुल कुली और उक्कुली नामों से जाना जाता है। बेशक यहां आपको होली की हुड़दंग देखने को नहीं मिलेगी। तो अगर आप उन लोगों में शामिल है जिन्हें होली तो पसंद है लेकिन बहुत ज्यादा शोर-शराबा नहीं, तो केरल है आपके लिए बेस्ट प्लेस।
कर्नाटक
जी हां, होली की धूम आपको दक्षिण भारत में भी देखने को मिलेगी। कर्नाटक के हंपी में होली के मौके पर देश-विदेश से सैलानी आते हैं। हंपी में होली दो दिन तक मनाई जाती है। हंपी की होली का एक्सपीरियंस आपको सालों तक याद रहेगा। ढोल-नगाड़ों पर नाचते लोग, हवा में उड़ते रंग-गुलाल होली के जश्न को दोगुना कर देते हैं। तो अगर होली में कहां जाएं इसे लेकर कनफ्यूज़ हैं, तो बिंदास होकर आप यहां का प्लान कर सकते हैं।
असम
असम में होली फेस्टिवल को दोल जात्रा के नाम से जाना जाता है। यहां भी बाकी जगहों की ही तरह दो दिनों तक होली का जश्न मनाया जाता है। जिसका पहले दिन होलिका दहन होता है जिसमें लोग मिट्टी की झोपड़ियां जलाते हैं और दूसरे दिन रंगों और पानी से धूमधाम के साथ होली खेली जाती है।