अस्पताल के शिशु वार्ड में रात 3 बजे घूमते रहे श्वान, जेएलएन प्रशासन की घोर लापरवाही उजागर

संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) चिकित्सालय में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। रविवार देर रात करीब 3 बजे अस्पताल के शिशु वार्ड में आवारा श्वान घूमते हुए नजर आए। उस समय न तो कोई गार्ड वहां तैनात था और न ही कोई स्टाफ अलर्ट दिखा। मेडिकल स्टाफ गहरी नींद में था, जिससे वार्ड पूरी तरह असुरक्षित बना रहा।

खुला वार्ड देखकर आवारा श्वान भीतर घुस आए और खाने की तलाश में इधर-उधर घूमते रहे और खाने का सामान मुंह में दबाकर ले जाते भी दिखे। गनीमत रही कि किसी शिशु को नुकसान नहीं हुआ, अन्यथा बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

शिशु वार्ड जैसी संवेदनशील जगह पर ऐसी लापरवाही चौंकाने वाली है, जहां नवजात और नन्हे बच्चों का इलाज होता है। ऐसे में श्वानों के घूमने से संक्रमण और जान का खतरा बढ़ जाता है। स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों ने बताया कि यह पहली घटना नहीं है। पूर्व में भी अस्पताल परिसर में आवारा श्वान घूमते देखे गए हैं लेकिन प्रशासन की ओर से इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

अस्पताल के भीतर श्वानों के घूमते रहने की यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। आमजन और मरीजों के परिजन मांग कर रहे हैं कि अस्पताल प्रशासन मरीजों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए। विशेषकर शिशु वार्ड में 24 घंटे गार्ड की तैनाती और निगरानी जरूरी है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई करता है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।

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