अस्पतालों व पैथॉलोजी सेंटरों से निकलने वाले कचरे का सही तरीके से निस्तारण न होने पर करवाई

अस्पतालों व पैथॉलोजी सेंटरों से निकलने वाले कचरे का सही तरीके से निस्तारण न होने पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। अधिकारियों की जांच में मिली खामियों के आधार पर 21 संस्थानों को नोटिस जारी किया गया है। खामियां पूरी न करने पर इनके लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी गई है।

अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल कचरे को लेकर उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल है। जिस पर शासन के निर्देश पर बीते दिनों अधिकारियों ने छापेमारी की थी। जिसमें अस्पतालों व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के बाबत जानकारी की गई। इसमें पाया गया कि कुछ अस्पतालों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र की तिथि बीत चुकी है। कुछ जगहों पर मौके पर मिली ही नहीं। ऐसे में अब कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।

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इन्हें जारी की गई नोटिस

– सरकुलर रोड स्थित श्रीराम नर्सिंग होम, बड़गांव पुलिस चौकी के समीप कस्तूरी हास्पिटल, ददुआ बाजार स्थित किरन हास्पिटल, सरकुलर रोड स्थित लाइफ लाइन नर्सिंग होम।

– चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर स्टेशन रोड, कृष्णा एक्सरे एंड पैथॉलोजी, नेशनल डायग्नोस्टिक सेंटर, संजीवनी डायग्नोस्टिक सेंटर, मिश्रा एंड एक्सरे पैथॉलोजी लैब, शारदा एक्सरे एंड पैथालोजी सेंटर, सिद्धार्थ पैथॉलोजी एंड एक्सरे, मधु क्लीनिक, मेडिकल डायग्नोस्टिक सेंटर, भारत पैथॉलोजी, अपोलो ग्रीन पैथॉलोजी एंड एक्सरे सेंटर, मैक्स प्लस डायग्नोस्टिक सेंटर, एमडीसी पैथॉलोजी, थायरो केयर, अवध पॉलीक्लीनिक, एअर पैथ लैब, मेओ डायग्नोस्टिक सेंटर।

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जिम्मेदार के बोल

– स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम ने उच्च न्यायालय के आदेश पर नर्सिंग होमों व पैथॉलोजी की जांच की थी। कई संस्थानों पर उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जारी एनओसी की तिथि या तो कालातीत पाई गई या फिर मौके पर प्रमाणपत्र नहीं मिला। जिस पर संबंधित को नोटिस जारी की गई है। सात दिनों के भीतर जवाब न मिलने पर कार्रवाई की बात कही गई है।

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