अरुण जेटली ने कहा-‘हाशिये’ की तरफ बढ़ रही कांग्रेस, सत्ता में आने की उम्मीद नहीं

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस मुख्यधारा की पार्टी से अब हाशिये की पार्टी बनती जा रही है. जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘कांग्रेस, भारतीय राजनीति की एक प्रभावशाली पार्टी से अब ‘हाशिये’ की तरफ बढ़ रही है, इसकी राजनीतिक स्थिति मुख्यधारा की पार्टी की नहीं रह गई है. हाशिये का संगठन कभी भी सत्ता में आने की उम्मीद नहीं कर सकता.’ जेटली एम्स में सफलतापूर्वक किडनी प्रत्यारोपण कराने के बाद आराम कर रहे हैं और शुक्रवार को उन्हें अस्पताल के आईसीयू से बाहर निकाला गया.अरुण जेटली ने कहा-'हाशिये' की तरफ बढ़ रही कांग्रेस, सत्ता में आने की उम्मीद नहीं

कांग्रेस ने तोल-मोल करने की क्षमता खो दी
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अब क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का समर्थक बनना चाहती है. राज्यस्तरीय क्षेत्रीय दलों ने यह महसूस किया है कि हाशिये वाली कांग्रेस या तो कनिष्ठ सहयोगी या कमतर समर्थक के रूप में बेहतरीन हो सकती है. कर्नाटक इसका एक अच्छा उदाहरण है.’ जेटली ने कहा, ‘एक क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी जिसका आधार केवल कुछ जिलों तक ही सीमित था, वह कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद को हटाने में सक्षम हुई, जिसके आगे कांग्रेस ने आसानी से समर्पण कर दिया. पार्टी ने तोल-मोल करने की क्षमता खो दी है.’

‘काल्पनिक विकल्प’ के बारे में चर्चा हुई
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में एक ‘काल्पनिक विकल्प’ के बारे में चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘हताश राजनीतिक दलों के एक समूह ने एक साथ आने का संकल्प लिया. इनमें से कुछ के नेता तुनकमिजाज हैं, और अन्य प्राय: अपनी विचारधारा का रुख बदलते रहते हैं. इनमें से तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक), तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), बसपा और जनता दल (सेकुलर) के साथ भाजपा सत्ता में रह चुकी है. ये लोग अपने राजनीतिक रुख बदलते रहते हैं.’

पहले समर्थन दिया, अब हमारा विरोध कर रहे
जेटली ने कहा इन लोगों ने राष्ट्रीय हित का हवाला देकर भाजपा को समर्थन दिया है और अब पाला बदलकर धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हमारा विरोध कर रहे हैं. ये सब विचारधारा के स्तर पर लचीले राजनीतिक समूह हैं. उन्होंने इस बात की भी चर्चा की कि संघीय मोर्चा भारत के लिए एक असफल विचार है. उन्होंने कहा, ‘इस तरह का प्रयोग 1996-98 के बीच संयुक्त मोर्चा सरकार के अंतर्गत चंद्रशेखर और चरण सिह ने किया था. इस तरह के असंतुलित मोर्चे अपने विरोधाभाषों की वजह से खुद अपना संतुलन खो देते हैं.’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायी और संस्थानिक बदलाव के जरिये पारदर्शी प्रणाली का निर्माण किया है, जिसने देश को घोटाला मुक्त शासन दिया. जेटली ने कहा, ‘संप्रग सरकार के विपरीत, प्रधानमंत्री अपनी पार्टी व देश के एक स्वाभाविक नेता हैं. हमने अनिश्चितता से स्पष्टता और निश्चितता की यात्रा देखी है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button