अरब सागर से उठा दबाव बना खतरा, राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बारिश के आसार

अरब सागर से बना डिप्रेशन राजस्थान में कहर बरपा रहा है। बाड़मेर, सिरोही में रेड अलर्ट जारी; बांध ओवरफ्लो, खेतों में जलभराव। दौसा में एनीकट टूटा, सैकड़ों बीघा फसल तबाह। सिरोही में 200 श्रद्धालु SDRF ने रेस्क्यू किए।

अरब सागर के ऊपर बना वेल मार्क्ड लो प्रेशर एरिया (Well-Marked Low Pressure Area) अब धीरे-धीरे दक्षिण-पश्चिम गुजरात क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि यह सिस्टम अगले 24 घंटों में “डिप्रेशन” में बदल जाएगा। इसके प्रभाव से आज प्रदेश में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग ने रविवार को बाड़मेर, जालोर, सिरोही में बारिश का रेड अलर्ट और जैसलमेर, जोधपुर, पाली, राजसमंद, उदयपुर जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं 11 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के चलते पहले ही खेती-बाड़ी तबाह हो चुकी, अब बड़े बांधों के ओवरफ्लो होने से डाउन स्ट्रीम में पानी छोड़ा जा रहा है जिसके चलते निचले इलाकों में जबरदस्त जल भराव देखने को मिल रहा है। शनिवार को पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध ‘जवाई’ लबालब हो गया। इसके बाद बांध के कुल 13 में से 8 गेट दिए गए थे। बांध के गेट खोलने से सुमेरपुर और शिवगंज दोनों का यातायात कनेक्शन कट गया। बीसलपुर में भी पानी की आवक जारी है। इसके चलते बांध के 6 गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है।

दौसा में एनीकट टूटा- खेतों में खड़ी फसल चौपट
दौसा जिले के लालसोट उपखंड क्षेत्र के काकरिया गांव में स्थित मोरेल नदी पर वर्ष 2009 में सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित एनीकट मोरेल नदी से तेज बहाव पानी को सहन नहीं कर पाया और टूट गया। एनीकट टूटने के साथ ही नदी का तेज बहाव पानी खेतों की ओर बढ़ गया, जिससे खेतो में ख़डी फ़सल तेज पानी के साथ बह गई देखते ही देखते किसानों की सैकड़ो बीघा भूमि में खड़ी फसलें तबाह हो गई।

किसानों का आरोप है कि सिचाई विभाग समय पर पुख्ता मरम्मत व पानी रोकने का प्रबंध करता तो किसानों को भारी नुकसान से बचाया जा सकता था।

सिरोही में 200 से ज्यादा श्रद्धालू फंसे-एसडीआरएफ ने रेसक्यू किया
सिरोही में आज मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। शनिवार को भी यहां भारी बारिश हुई। जिसके चलते जिले के प्राचीन मातर माता मंदिर में दर्शन के लिए आए पाली जिले के कोसेलाव के 200 से अधिक श्रद्धालु भारी बारिश के कारण फंस गए। यह मंदिर ऊंची पहाड़ी पर बसा है जहां पहुंचने के लिए सीढ़ियों वाला रास्ता है. बीती रात श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में रुकेर विश्राम किया लेकिन सुबह तेज बारिश के कारण रास्ता बंद हो गया। बारिश से सीढ़ियों पर फिसलन बढ़ी और मलबा जमा हो गया जिससे नीचे उतरना मुश्किल हो गया. SDRF और पुलिस ने शुरू किया बचाव अभियान जैसे ही श्रद्धालुओं के फंसने की खबर मिली पुलिस प्रशासन और SDRF की टीमें तुरंत हरकत में आईं। डीवाईएसपी मुकेश चौधरी और कोतवाल दलपत सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. SDRF ने विशेष उपकरणों का इस्तेमाल कर एक वैकल्पिक रास्ता खोजा और सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित नीचे उतारा।.

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