अमेरिकी चुनावों में बड़ा बदलाव करने जा रहे ट्रंप, वोटर कार्ड होगा अनिवार्य

रूसी राजदूत मिखाइल उल्यानोव ने कहा कि रूस, भारत और चीन की बढ़ती साझेदारी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक ‘गुणात्मक रूप से नई प्रणाली’ का निर्माण है। उल्यानोव ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों की एक गुणात्मक रूप से नई प्रणाली के निर्माण के साक्षी बन रहे हैं।’

वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठनों में रूस के स्थायी प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने कहा कि रूस, भारत और चीन की बढ़ती साझेदारी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक ‘गुणात्मक रूप से नई प्रणाली’ का निर्माण है। उन्होंने यह बात वैश्विक अनिश्चितताओं, खासकर अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ से पैदा हुई आर्थिक चुनौतियों के बीच कही।

उल्यानोव ने एक्स पर एक पोस्ट को फिर से साझा करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक पुरानी तस्वीर को रीपोस्ट किया, जिसमें बहुध्रुवीयता पर संदेश लिखा था। उल्यानोव ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों की एक गुणात्मक रूप से नई प्रणाली के निर्माण के साक्षी बन रहे हैं।’
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में सभी चुनावों के लिए मतदाता पहचान पत्र अनिवार्य करने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि प्रत्येक मतदाता के पास पहचान पत्र होना चाहिए। उन्होंने मेल-इन वोटिंग को प्रतिबंधित करने की मंशा भी दोहराई। यह घोषणा चुनावी कानूनों को प्रभावित करने के ट्रंप के प्रयास को दर्शाती है।

अमेरिका में सभी चुनावों के लिए मतदाता पहचान पत्र अनिवार्य होगा। इसके लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। ट्रंप ने शनिवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, प्रत्येक मतदाता के पास मतदाता पहचान पत्र होना चाहिए। कोई अपवाद नहीं! मैं इसके लिए कार्यकारी आदेश जारी करूंगा!

हालांकि ट्रंप ने आदेश के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी। उन्होंने मेल-इन वोटिंग (डाक द्वारा मतदान) को प्रतिबंधित करने की अपनी मंशा भी दोहराई, सिवाय उन लोगों के जो बहुत बीमार हैं या काफी दूर स्थित सैन्य सेवा में हैं। उन्होंने वोटिंग मशीनों का भी विरोध किया।

चुनावी कानूनों को प्रभावित करने का प्रयास
यह घोषणा चुनावी कानूनों को प्रभावित करने के ट्रंप के प्रयास को दर्शाती है। ट्रंप इसके लिए कार्यकारी आदेश का उपयोग करेंगे। संविधान राष्ट्रपति को चुनावों को विनियमित करने का कोई स्पष्ट अधिकार नहीं देता। संविधान के अनुसार चुनावों के नियम तय करने, मतदान की निगरानी करने और धोखाधड़ी को रोकने की शक्ति राज्यों के पास है।

ऐसे में राष्ट्रपति द्वारा चुनावों के संबंध में किसी भी कार्यकारी आदेश को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि ट्रंप और उनके सहयोगियों ने नवंबर 2026 में होने वाले मध्यावधि चुनावों से पहले किसी भी तरह की बढ़त हासिल करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। ट्रंप लंबे समय से मेल-इन वोटिंग का विरोध करते रहे हैं।

2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन से हारने के बाद उन्होंने दावा किया था कि मेल-इन वोटिग से धोखाधड़ी होती है।मार्च में ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर संघीय चुनावों में मतदान के लिए अमेरिकी नागरिकता का सरकारी प्रमाण दिखाना अनिवार्य कर दिया था। इस आदेश को अदालत में चुनौती दी गई, और एक संघीय न्यायाधीश ने जून में आदेश के अधिकतर प्रविधानों पर रोक लगा दी।
पीएम मोदी की जिनपिंग से मुलाकात के बाद की टिप्पणी
रूसी राजदूत मिखाइल का यह बयान उस समय आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अक्तूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर कजान में हुई अपनी पिछली मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति और निरंतर प्रगति का स्वागत किया।

भारत-चीन विकास साझेदार, प्रतिद्वंदी नहीं
दोनों नेताओं ने दोहराया कि भारत और चीन ‘विकास साझेदार’ हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं। इस दौरान उन्होंने मतभेदों को विवाद में बदलने से बचाने और स्थिर संबंध बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित सहयोग न केवल दोनों देशों के विकास के लिए, बल्कि 21वीं सदी की प्रवृत्तियों के अनुरूप एक बहुध्रुवीय दुनिया और बहुध्रुवीय एशिया के लिए भी जरूरी है।

उल्यानोव ने जिस पोस्ट को साझा किया, वह 2018 में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय बैठक की तस्वीर थी।

आज रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों चीन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं, जहां वह 31 अगस्त से 1 सितंबर तक होने वाली 25वीं एससीओ शिखर बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। इससे पहले, रविवार को उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की और अब आज वह रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करेंगे।

सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति-स्थिरता पर दिया जोर
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को दोनों देशों के बीच लगातार विकास के लिए बेहद जरूरी बताया। दोनों नेताओं ने पिछले साल सफल सैन्य वापसी और उसके बाद सीमा पर शांति बनाए रखने पर संतोष जताया। साथ ही, सीमा विवाद के ‘निष्पक्ष, तार्किक और परस्पर स्वीकार्य समाधान’ के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों ने हाल ही में विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ताओं में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का स्वागत किया और आगे उनके प्रयासों को समर्थन देने पर सहमति जताई।

दोनों नेताओं ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर दिया जोर
इसके अलावा, दोनों नेताओं ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर जोर दिया- जैसे सीधी उड़ानों और वीजा सुविधा में सुधार, कैलाश मानसरोवर यात्रा और टूरिस्ट वीजा की बहाली को आधार बनाकर रिश्ते मजबूत करने पर सहमति जताई। पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को 2026 में भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया। राष्ट्रपति जिनपिंग ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

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