अमेर‍िका में फिर हुई ‘ब्लैक डेथ’, क्‍या है Bubonic Plague जिससे 18 साल बाद सहमे लोग?

हाल ही में अमेरिका के एरिजोना में एक नागरिक की Bubonic Plague से मौत हो गई है। इस घटना ने ‘ब्लैक डेथ’ के फिर से उभरने की आशंका पैदा कर दी है। ये एक‍ खतरनाक बीमारी मानी जाती है। बताया जाता है क‍ि 14th Century के दौरान यूरोप में इस बीमारी से लाखों लोगों की मौत हो गई थी। आपको बता दें क‍ि ये बीमारी एक खास बैक्टीरिया से फैलती है जो ज्‍यादातर चूहों और flea के जरिए इंसानों में पहुंचती है।

हालांकि आज के समय में ये बीमारी बहुत कम होती है, लेकिन फिर भी सावधानी बहुत जरूरी है। फ‍िल्‍हाल, 18 साल बाद ये बीमारी फ‍िर से सामने आई है। आज का हमारा लेख इसी व‍िषय पर है। हम आपको बताएंगे क‍ि Bubonic Plague क्‍या है? साथ ही इस बीमारी का कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में भी बताएंगे। आइए जानते हैं वि‍स्‍तार से –

ब्यूबोनिक प्लेग क्या होता है?
क्‍लीवलैंड क्‍लीन‍िक के मुताब‍िक, ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague) एक खतरनाक बीमारी है। ये बीमारी एक बैक्टीरिया से फैलती है जिसका नाम है Yersinia pestis। ये बैक्टीरिया पिस्सुओं (छोटे-छोटे कीड़े) में होता है जो चूहों, गिलहरियों जैसे जानवरों में पाया जाता है। अगर ये पिस्सू यानी क‍ि Flea किसी को काट ले, तो उसे प्लेग हो सकता है।

इसका नाम ब्यूबोनिक क्यों पड़ा?
आपको बता दें क‍ि ये बीमारी जब भी किसी को होती है तो उसके शरीर में गांठ बन जाती हैं। खासकर गर्दन, बगल या जांघों पर। इन्हीं सूजी हुई गांठों को ‘बूबो’ कहा जाता है, इसलिए इसका नाम ब्यूबोनिक प्लेग पड़ गया।

कितने तरह के होते हैं ये प्‍लेग?
ब्यूबोनिक प्लेग: इसमें शरीर में सूजी हुई गांठें होती हैं।
सेप्टीसीमिक प्लेग: ये बीमारी खून में फैल जाती है।
न्यूमोनिक प्लेग: जब ये फेफड़ों में फैलती है और सांस की तकलीफ होती है।

इस बीमारी ने ली थी लाखों की जान
इस बीमारी को ‘ब्लैक डेथ’ का नाम द‍िया गया था। 1300s में इस बीमारी ने यूरोप में लाखों करोड़ों लोगों की जान ले ली थी। दरअसल, उस समय सफाई की कमी के कारण चूहों से ये बीमारी फैली थी। ये बीमारी अभी भी दुनिया के कुछ हिस्सों में देखने को म‍िलती है। अमेरिका में हर साल लगभग 7 लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं।

क्‍या हैं इसके लक्षण?
अचानक तेज बुखार आना

कंपकंपी छूटना

सिरदर्द हाेना

शरीर में दर्द बने रहनस

बगल, गर्दन या जांघ में गांठें पड़ना

सांस लेने में दिक्कत महसूस होना

उंगलियों या पैर का काला पड़ना

उल्टी आना

जी मिचलाना

कैसे करें बचाव?
घर और आसपास साफ-सफाई रखें

चूहों और जंगली जानवरों को घर में न आने दें

पालतू जानवरों को समय-समय पर नहलाएं

Flea मारने की दवा का छ‍िड़काव करें

बीमार जानवरों को हाथ न लगाएं

बार-बार हाथों को धाेएं

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