अमेरिका ने H1B वीजा के लिए बनाए नए नियम, भारतीयों को मिलेगा यह फायदा


गुरुवार को फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित किया जाने वाला यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू हो जाएगा। यूएससीआईएस ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण आवश्यकता को वित्तीय वर्ष 2020 के कैप सीजन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। यूएससीआईएस के निदेशक फ्रांसिस सिस्ना ने कहा, ‘ये सरल और स्मार्ट परिवर्तन नियोक्ताओं के लिए एक सकारात्मक लाभ हैं। इससे विदेशी कर्मचारी जिन्हें रोजगार की तलाश है और एजेंसी के सहायक को एच1 बी वीजा कार्यक्रम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।’
इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह एच1बी वीजा सिस्टम में बदलाव लाना चाहते हैं ताकि इस वीजा के धारक देश में रह सकें और उन्हें नागरिकता पाने में आसानी हो। एच1 बी वीजा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के बीच काफी मशहूर है। यह एक गैर अप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देने की इजाजत देता है। खासतौर से उन व्यवसायों में जिसमें सैद्धांतिक और तकनीकी विशेषज्ञता की जरुरत होती है।
सिस्ना ने कहा कि नया पंजीकरण सिस्टम लागू होने के बाद इससे नियोक्ताओं की समग्र लागत कम होगी और सरकारी दक्षता बढ़ेगी। यूएससीआईएस ट्रंप के इस उस लक्ष्य में बेहतरी लाने में मदद कर रहा है जिससे कि आव्रजन प्रणाली के कैप सिलेक्शन प्रक्रिया को सरन बनाया जा सके। सिस्ना ने कहा, इसके परिणामस्वरुप अमेरिकी नियोक्ताओं के पास अमेरिका से मास्टर्स या उच्च डिग्री प्राप्त करने वाले विदेशी कर्मचारियों को ज्यादा मांग वाले सालों में एच1 बी लॉटरी के तहत चयनित करने की ज्यादा संभावना होगी।