अमेरिकन राष्ट्रपति को लगा बड़ा झटका, सत्ता के दुरुपयोग का आरोप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बुधवार को मतदान हुआ। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ट्रंप के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव के समर्थन में ज्यादातर सांसदों ने वोट किया। इससे उन पर महाभियोग चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इससे जाहिर है कि अब ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन समेत अन्य नेताओं की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति से गैरकानूनी रूप से मदद मांगी। ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग के साथ साथ कानून निर्माताओं को जांच से रोकने के भी आरोप हैं। मतदान से पहले ट्रंप के महाभियोग प्रस्ताव पर लंबी बहस चली। ट्रंप को अगले महीने सीनेट में महाभियोग के मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।
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हालांकि, ट्रंप की सरकार पर कोई खतरा फिलहाल नहीं आने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन से पास होने के बावजूद भी सीनेट से इसका पास होना मुश्किल है। सीनेट में रिपब्लिकंस का बहुमत है। जानकारों का मानना है कि महाभियोग का प्रस्ताव रिपब्लिकन नेताओं को एकजुट कर देगा। ऐसे में ट्रंप केवल एक ही सूरत में हटाए जा सकते हैं, जब कम से कम 20 रिपब्लिकन सांसद उनके खिलाफ बगावत कर दें, जिसकी आशंका नहीं है।
ट्रंप ने एक पत्र लिखकर हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पर तख्तापलट की कोशिश करके अमेरिकी लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट कर अपने प्रतिद्वंद्वियों पर करारा वार करते हुए कहा था कि वे (डेमोक्रेट्स) केवल राष्ट्रपति पर प्रभुत्व दिखाना चाहते हैं। वे कोई अपराध नहीं खोज सके इसलिए सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगा दिया।
स्पीकर पेलोसी ने कल कहा था कि अमेरिका के विधायी इतिहास की लगभग ढाई शताब्दी में कभी ऐसा नहीं हुआ। ट्रंप से पहले अमेरिका के दो और राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई है। साल 1868 में ऐंड्यू जॉनसन और साल 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हुई थी। हालांकि, दोनों ही अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे थे। इसके अलावा रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से पहले इस्तीफा दे दिया था।