अभी और बढ़ेगी ठंड, बर्फीली हवाओं के कारण कुछ इस तरह होने वाला है उत्तर भारत का हाल

पहाड़ों से चली बर्फीली हवाओं ने मैदानी राज्यों में असर दिखाना शुरू कर दिया है। राजधानी दिल्ली समेत समूचा उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में है। सोमवार को यहां पहली बार पाला पड़ने के साथ ही दिसंबर में ठंड का 16 साल का रिकॉर्ड टूट गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि तापमान में यह गिरावट अभी जारी रहेगी। सोमवार सुबह करीब 11 बजे तक फुहारें पड़ने का अहसास होता रहा। दिल्ली का अधिकतम तापमान महज 12.9 डिग्री पर सिमट गया। यह सामान्य से 10 डिग्री कम है। इससे पहले 25 दिसंबर 2003 को अधिकतम तापमान 12.3 डिग्री दर्ज हुआ था।

ऑलटाइम रिकॉर्ड 28 दिसंबर 1973 का है, जबकि अधिकतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके बाद 28 दिसंबर 1997 को अधिकतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस रहा। सोमवार को न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2 डिग्री अधिक है। आलम यह रहा कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अंतर महज 2.7 डिग्री सेल्सियस का रह गया। हवा में नमी का स्तर 88 से 100 फीसद दर्ज किया गया। दिनभर धूप के दीदार नहीं हुए।

इसलिए बढ़ी ठंड

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स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के पास सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के आगे निकल जाने के बाद अब उत्तर पश्चिमी ठंडी हवा उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में चलने लगी हैं। दिल्ली NCR में 10 से 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही हैं। दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, मध्य प्रदेश में घने कोहरे की शुरुआत भी हो चुकी है। सोमवार को भी दिल्ली और NCR में मध्यम कोहरा छाया रहा। इस साल ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब पंजाब से लेकर हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के उत्तरी इलाकों और दिल्ली सहित उत्तर भारत के सभी मैदानी इलाकों में धुंध बनी हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार शीतलहर के इस प्रकोप से अगले दो दिनों तक राजधानी को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। 21 और 22 दिसंबर को हल्की बारिश के आसार हैं।

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