अभी-अभी: प्रद्युम्न हत्याकांड में छात्र ने कबूला जुर्म, कहा- हा मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैंने उसे मार दिया


सीबीआई ने कोर्ट में जमा की गई रिमांड कॉपी में कहा है कि, पूछताछ के दौरान आरोपी स्टूडेंट ने अपना जुर्म कबूल किया है। आरोपी छात्र ने कहा, ‘मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं पूरी तरह ब्लैंक हो गया था और बस मैंने उसे मार डाला।’
सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि बस कंडक्टर अशोक को आरोपी बताते हुए हरियाणा पुलिस ने जिस चाकू को ‘हत्या के हथियार’ के तौर पर पेश किया था, आरोपी स्टूडेंट ने उसी का इस्तेमाल किया था।
पूछताछ के बाद छात्र को बाल सुधार गृह फरीदाबाद भेज दिया जाएगा। रिमांड खत्म होने के बाद आरोपी छात्र को दोबारा बोर्ड के समक्ष पेश किया जाएगा।
सीबीआई के इस दावे से गुरुग्राम पुलिस की पूरी थिअरी औंधे मुंह गिर गई। पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को हत्यारा मानते हुए उसे गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक हत्या का मकसद यौन उत्पीड़न से जुड़ा था।
हालांकि सीबीआई अशोक को हत्या का आरोपी नहीं मान रही। लेकिन उसे औपचारिक क्लीन चिट नहीं दी गई है। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि गुरुग्राम पुलिस द्वारा जिस सीसीटीवी फुटेज को धुंधला होने की बात कहकर छोड़ दिया था, उसी फुटेज को हैदराबाद की लैब से साफ करवाया जिसके बाद छात्र संदेह के घेरे में आया।
जांच से पचा चला है कि छात्र 8 सितंबर को घटना वाले दिन स्कूल में चाकू लेकर आया था और प्रद्युम्न की हत्या करने के बाद उसने उसे वाशरूम के कमोड में फ्लश कर दिया था। जांच के दौरान उस छात्र के अभिभावकों को हर बात की जानकारी दी गई। याद रहे कि सीबीआई ने 22 सितंबर को इस मामले की जांच शुरू की थी।
क्यों की गई हत्या
सीबीआई ने हैरतअंगेज दावा किया है कि आरोपी छात्र पढ़ने में कमजोर है और उसने प्रद्युम्न की हत्या इसलिए की ताकि स्कूल में छुट्टी हो जाए और उसकी वजह से पैरेंट-टीचर मीटिंग को स्थगित कर दिया जाए। इस मीटिंग के अलावा वह परीक्षा को भी टलवाना चाहता था।
मेरे पति को पुलिस ने यातनाएं दी और उनसे जबरन गुनाह कबूल करवाया। इस कष्ट की भरपाई कौन करेगा। गुरुग्राम पुलिस को इसके लिए सजा दी जानी चाहिए।- कंडक्टर अशोक कुमार की पत्नी ममता
मेरे बेेटे ने कुछ नहीं किया है। घटना के बाद उसने माली और टीचरों को प्रद्युम्न की लाश के बारे में जानकारी दी थी। वह दिन भर स्कूल में ही था और उसने परीक्षा भी दी। उसके कपड़ों पर खून का एक धब्बा भी नहीं था।-गिरफ्तार छात्र के पिता
सीबीआई द्वारा इस मामले में एक छात्र की गिरफ्तारी के बाद हमारा यह शक सच साबित हुआ है कि गुरुग्राम पुलिस की जांच सही नहीं थी।-वरुण ठाकुर, प्रद्युम्न के पिता
– आरोपी छात्र की यूनीफार्म पर खून का निशान क्यों नहीं था
– आरोपी छात्र ने परीक्षा दी या नहीं, पिता का दावा परीक्षा दी थी
– यह कैसे पता चला कि चाकू आरोपी ही लेकर आया था
– चाकू के बारे में टीचर आर कई बच्चों को पता था, तो स्कूल ने पहले ही कार्रवाई क्यों नहीं की
– आखिर किसके कहने पर कंडक्टर अशोक ने हत्या का जुर्म कबूल किया
– कमोड से मिले चाकू पर फिंगर प्रिंट किसके हैं, अगर अशोक के नहीं थे तो पुलिस ने उसे कैसे गिरफ्तार कर लिया।