अभी-अभी: नोटबंदी को लेकर जेटली ने किया ये बड़ा खुलासा…

नोटबंदी का फैसला 8 नवंबर को लिया गया और इसे केन्द्र सरकार ने रिजर्व बैंक के साथ 9 महीनों तक चली कई दौर की परामर्श के बाद लिया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सभा में नोटबंदी पर उठे सवाल के जवाब में कहा.

जेटली ने सदन को यह भी बताया कि 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लेने से पहले रिजर्व बैंक बोर्ड के 10 डायरेक्टर में से 8 डायरेक्टर मौजूद थे. इन 8 डायरेक्टर्स ने केन्द्र सरकार को इसी दिन स्वतंत्र और अंतिम परामर्श दिया जिसे केन्द्र सरकार ने मान लिया.

 वित्त मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच इन परामर्श वार्ताओं के बीच मई 2016 से आरबीआई ने 2000 रुपये की नई करेंसी के प्रिंटिंग का काम शुरू करने का फैसला लिया. जेटली ने बताया कि रिजर्व बैंक के उच्च स्तरीय अधिकारियों से नई करेंसी पर वार्ता फरवरी 2016 से शुरू हो चुकी थी.

सदन में जेटली ने कहा कि रिजर्व बैंक बोर्ड ने मई 2016 में इन वार्ताओं के जारी रहते नई करेंसी के मुद्रण का फैसला लिया और 2000 रुपये की करेंसी से 500 और 1000 रुपये की सर्वाधिक प्रचलित करेंसी की डिजाइन तय कर दी थी.

प्रश्नकाल के दौरान सवाल का जवाब देते हुए जेटली ने राज्य सभा को बताया कि नोटबंदी का फैसला पूरी गोपनियता के साथ लिया जाना था लिहाजा केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक की इन वार्ताओं को आम नहीं किया गया.

 

हालांकि एक सवाल के जवाब में जेटली ने बताया कि रिजर्व बैंक स्वतंत्र रूप में मिली और नोटबंदी पर अपनी परामर्श केन्द्र सरकार को दी. जेटली से पूछा गया था कि क्या रिजर्व बैंक ने स्वत: नोटबंदी पर परामर्श दी अथवा सरकार द्वारा उससे नोटबंदी पर परामार्श मांगा गया था.

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