अभी-अभी: नेहरा ने खोला बड़ा राज, कहा- इस खिलाड़ी ने संन्यास लेने को किया ‘मजबूर’
नई दिल्ली। टीम इंडिया ने बुधवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में हुए पहले टी-20 मैच के बाद आशीष नेहरा को टीम इंडिया ने शानदार विदाई दी। अपना आखिरी मैच खेलने के बाद नेहरा ने बिंदास अंदाज में बातचीत की।
बदल गया क्रिकेट : नेहरा ने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उस समय भारत का विश्व क्रिकेट में इतना दबदबा नहीं था जितना आज है। इस बदलाव को लेकर उन्होंने कहा कि क्रिकेट ऐसा खेल है जो हर आठ-दस साल बाद बदलता है। ऐसा नहीं है कि पहले टीम अच्छी नहीं थी लेकिन हर टीम का एक अपना दौर आता। जब मैंने खेलना शुरू किया तब 2001 से 2007-08 तक ऑस्ट्रेलिया को हराना मुश्किल था। अब श्रीलंका, वेस्टइंडीज की टीमें भी पहले जैसी नहीं रहीं।
आइपीएल का बड़ा हाथ : उन्होंने कहा कि इसमें आइपीएल का बड़ा हाथ है। इससे खिलाड़ियों को आत्मविश्वास मिला है। जो 15 खिलाड़ी टीम में हैं उनके अलावा 15 और ऐसे लड़के हैं जो बहुत ही अच्छे हैं। वह ऐसे हैं कि उन्होंने जब कभी भी खिला लो वह अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इंडिया-ए के काफी टूर होने लगे हैं जो पहले कम होते थे इसलिए खेल हर 5-10 साल में बदलता रहता है। भविष्य के बारे में उन्होंने कहा कि मैंने अभी इस पर कुछ सोचा नहीं है।
इस गेंदबाज़ की वजह से नेहरा ने लिया संन्यास
नेहरा को भारत-ऑस्ट्रेलिया टी-20 सीरीज में चुना गया था लेकिन इस सीरीज़ में उन्हें अंतिम एकादश में खेलने का मौका नहीं मिला। नेहरा ने इस पर कहा उन्होंने यह फैसला खुद ही लिया था। कई लोगों ने कहा कि मैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम एकादश में नहीं खेला। जब मैं वहां गया तो मैं अपनी रणनीति बना के गया था। मुझे लगता है कि भुवनेश्वर कुमार अब तैयार हैं। पिछले दो साल से मैं और बुमराह टी-20 में खेल रहे थे और भुवी अंदर-बाहर होते रहते थे। इस साल आइपीएल के बाद उन्होंने गजब का प्रदर्शन दिखाया। मुझे अच्छा नहीं लगता की मैं खेलूं और भुवी बाहर बैठे। वह मेरा फैसला था। मैंने इस बारे में जाते ही कप्तान विराट कोहली को बता दिया था।
भुवी ने इस तरह किया नेहरा को ‘मजबूर’
आशीष नेहरा और भुवनेश्वर कुमार आइपीएल में एक ही टीम सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हैं और आइपीएल में शानदार प्रदर्शन कर भुवी ने नेहरा को संन्यास लेने पर मजबूर कर दिया। हालांकि नेहरा के इस फैसले में उनका खुद का निर्णय और उनकी बढ़ती उम्र भी एक बड़ी वजह रही। भुवनेश्वर कुमार पिछले दो साल से आइपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। यही वजह है कि भुवी ने पिछले दो साल से लगातार पर्पल कैप पर कब्ज़ा जमाया हुआ है। पर्पल कैप आइपीएल में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ को मिलती है। भुवनेश्वर आइपीएल में ना सिर्फ नई गेंद से बॉल को स्विंग कराते हैं बल्कि अंतिम ओवरों में अपनी स्लोवर वन्स, नकल बॉल और यॉर्कर से बल्लेबाज़ों को खूब परेशान कर रहे हैं।