अभिनेत्री शिल्पा व उनके पति को हाईकोर्ट से राहत, ऑनलाइन खरीदी बिक्री में धोखाधड़ी का मामला
मुंबई.बाॅम्बे हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी व उनके पति राज कुंद्रा को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस न्यायालय की अनुमति के बिना दोनों के खिलाफ आरोपपत्र न दायर करे। कुंद्रा व शेट्टी के खिलाफ रवि भलोटिया नाम के कारोबारी ने भिवंडी के कोनगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। भलोटिया ने दावा किया था कि कुंद्रा व उनकी पत्नी ने बेस्ट डील प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी। यह कंपनी आॅनलाइन तरीके से विभिन्न सामानों की बिक्री करती है। भलोटिया के मुताबिक उसने इस कंपनी को 24 लाख रुपए की चादर बेची थी। जिसका उसे भुगतान नहीं किया गया है।
भलोटिया की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 26 अप्रैल 2017 को कंपनी के निदेशक कुंद्रा व शेट्टी के अलावा दूसरे दो निदेशकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420,406 व 34 के तहत मामला दर्ज किया था। जिनके नाम दर्शिता शाह व उदय कोठारी है। शिकायत को निराधार बताते हुए कुद्रा व शेट्टी ने इसे रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। सोमवार को न्यायमूर्ति आरवी मोरे व न्यायमूति सारंग कोतवाल की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आई।
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इस दौरान कुंद्रा की ओर से पैरवी कर रहे वकील अनिकेत निकम ने कहा कि पुलिस ने गलत तरीके से मेरे मुवक्किलों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह पूरा मामला पैसों के लेने व सामान की खरीद बिक्री से जुड़ा है। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि पुलिस इस तरह के मामले क्यों दर्ज करती है। पूरा मामला कारोबार से जुड़ा हुआ है। खंडपीठ ने कहा कि बगैर उनकी अनुमति के पुलिस अदालत में कुंद्रा व शेट्टी के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र न दायर करे।
खंडपीठ ने इस प्रकरण में प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई को दो सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया है।
“संजय दत्त की समय से पहले रिहाई पर दो सप्ताह में जवाब दे सरकार’
बाॅम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेता संजय दत्त को समय से पहले जेल से रिहा किए जाने के मामले में राज्य सरकार को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय और दिया है। सरकार ने अदालत में दावा किया था संजय के अच्छे आचरण के आधार पर उसे रिहा किया है। 1993 धमाके के मामले में अवैध रूप से हथियार रखने के दोषी पाए गए संजय को सरकार ने फरवरी 2016 में सजा पूरी होने के आठ महीने पहले रिहा कर दिया था।
अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि वह संजय की रिहाई को लेकर सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया को जानना चाहते है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर ने इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति आरएम सावंत व न्यायमूर्ति साधना जाधव के सामने सुनवाई चल रही है।
सोमवार को राज्य के महाधिवक्ता की अनुपस्थिति को देखते हुए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यदि अदालत अनुमति दे तो वे संजय दत्त को पक्षकार बनाने के लिए तैयार है।