अब US में रहना हुआ मुश्किल, वजह जानकर हर भारतीय परेशान

ताजा आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल जिन 6 लाख भारतीयों ने अमेरिका में ग्रीन कार्ड के लिए आवदेन किया था, उनमें मात्र 60,394 लोगों को मिल पाया. प्रतिशत के लिहाज से देखें तो यह आंकड़ा 10.06 के आसपास बैठता है. दुनिया में ग्रीन कार्ड का काफी नाम है क्योंकि यह कार्ड जिनके पास होता है, उसे अमेरिका में रहने और काम करने का मौका मिलता है.
अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के एक संगठन की वेबसाइट GCReforms.org के मुताबिक, 25 से 92 साल उम्र के भारतीयों को ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार करना होगा क्योंकि ग्रीन कार्ड जारी करने की लिमिट समाप्त हो गई है.
अप्रैल 2018 तक 6,32,219 भारतीय प्रवासी और उनके बीवी-बच्चे ग्रीन कार्ड के लिए प्रतीक्षारत थे. 2017 में कुल 60,394 आवेदकों में जिन 23,569 लोगों को ग्रीन कार्ड जारी किया गया, वह एच-1बी वीजा की तरह रोजगार आधारित है.
अमेरिका के मौजूदा ट्रंप प्रशासन ने अप्रवासी नीति में बदलाव किया है. उसके बाद से कुशल भारतीय-अमेरिकियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि ये लोग एच1बी वीजा धारक हैं. इसका कारण है जब से नई अप्रवासी नीति आई है, तब से हर देश के लिए मात्र 7 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया गया है.
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पिछले साल 20,549 ऐसे भारतीयों को ग्रीन कार्ड दिया गया जिनका आवेदन पत्नी, संतान और माता-पिता की कैटेगरी में था. जबकि 14,962 ग्रीन कार्ड बहन-भाई की कैटेगरी में जारी किए गए.
घटती जा रही ग्रीन कार्ड होल्डर्स की संख्या
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) की 2 अक्टूबर को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो साल में ग्रीन कार्ड धारकों की संख्या घटी है. 2015 में 64,116 और 2017 में 64,687 भारतीयों को वैध स्थाई निवास के लिए ग्रीन कार्ड जारी किया गया.
डीएचएस की रिपोर्ट के मुताबिक, 137,855 भारतीयों को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड जारी किए गए हैं. इनमें आधा हिस्सा पत्नी, बच्चे और माता-पिता का है. 2017 में 1,127,167 विदेशियों को अमेरिका ने ग्रीन कार्ड जारी किया जबकि 2016 में 1,183,505 और 2015 में 1,051,031 लोगों को कार्ड जारी किया गया.