अब वेस्टइंडीज की बारी, धोनी को करनी होगी यह तैयारी

download (12)एजेन्सी/नई दिल्ली। विराट कोहली के दमदार प्रदर्शन की बदौलत टीम इंडिया ने मोहाली में मुश्किल पिच पर भले जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही है, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों की राह आसान नहीं रहने वाली है। 

अफगानिस्तान के खिलाफ आखिरी ग्रुप मुकाबले को छोड़ दिया जाए तो वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने अब तक बेहतरीन खेल दिखाया है। वही विराट कोहली को छोड़कर भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है, जबकि भारतीय गेंदबाजों ने अब तक संतोषजनक प्रदर्शन किया है। आइए उन कारणों पर नजर डालते है, जिसे अमल कर टीम इंडिया कैरेबियाई टीम को शिकस्त देकर फाइनल में पहुंच सकती है। 

ओपनिंग बैट्समैनः

भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शिखर धवन का प्रदर्शन आईसीसी टी- 20 वर्ल्ड कप में काफी निराशाजनक रहा है। इसकी वजह से टीम इंडिया को जिस शानदार शुरुआत की जरूरत थी, वह नहीं मिल सका है। नतीजन मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर दबाव बना, जिसकी वजह से भारतीय टीम बड़ा स्कोर खड़ा करने में विफल रही है। 

भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा का टी-20 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ 5, पाकिस्तान के खिलाफ 10, बांग्लादेश के खिलाफ 18 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 12 रनों की पारी खेली, वहीं शिखर धवन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 1, पाकिस्तान के खिलाफ 6, बांग्लादेश के खिलाफ 23 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 रनों की पारी खेली। 

अगर टीम इंडिया को सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज को हराना है तो रोहित शर्मा और शिखर धवन को क्रीज पर समय बिताना होगा और भारतीय टीम को शानदार शुरुआत देनी होगी ताकि मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर से दबाव हट सके। 

डेथ ओवर में अच्छी गेंदबाजी की जरूरतः

वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को टी-20 फॉर्मेट खूब रास आ रहा है। ऐसे में भारतीय गेंदबाजों को वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को सटीक लाइन लेंथ पर गेंद डालनी होगी। भारतीय गेंदबाजों की सबसे बड़ी समस्या डेथ ओवर में अधिक रन लुटाना रहा है। हालाकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय गेंदबाजों ने डेथ ओवर में शानदार गेंदबाजी की थी। लेकिन बल्लेबाजों के लिए मददगार मानी जाने वाली मुंबई की वानखेड़े की पिच पर कैरेबियाई बल्लेबाज को रोकना भारतीय गेंदबाजों के लिए चुनौती साबित होगी। 

टॉसः 

मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में टी-20 वर्ल्ड कप में टॉस की भूमिका काफी महत्वूपूर्ण रही है। यहां अब तक टूर्मामेंट के तीन मैच खेले गए है।  इसमें से दो मुकाबलों में टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम ने, जबकि एक बार टॉस जीतने वाली टीम ने जीत दर्ज की है। 

हालाकि टॉस के लिहाज से धोनी अनलकी साबित हुए है क्योंकि टी-20 वर्ल्ड कप में अब तक वो सिर्फ एक बार ही टॉस जीत पाए हैं, और वह भी पाकिस्तान के खिलाफ।  ऐसे में मुंबई में टीम इंडिया के लिए टॉस हारना महंगा पड़ सकता है। 

लक्ष्य का पीछा करना बेहतरः 

मुंबई की वानखेड़े की पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है। ऐसे में यहां बड़े स्कोर का आसानी से पीछा किया जा सकता है। टूर्नामेंट में अब तक खेले गए तीन ग्रुप मुकाबले में दो बार लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत मिली। 16 मार्च 2016 को वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के खिलाफ 183 रन के लक्ष्य को 6 विकेट रहते आसानी से हासिल कर लिया था।

वहीं 18 मार्च 2016 को इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 230 रन के लक्ष्य का पीछा करके जीत हासिल की थी। इतना ही नही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपेक्षाक़त कमजोर मानी जाने वाली टीम अफगानिस्तान ने भी 209 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 172 रन बना डाले थे। 

साथ ही पिछले तीन मैच में  टीमों ने 2 बार 200 रनों के आंकड़े को पार किया है। ऐसे में टॉस जीतकर लक्ष्य का पीछा करना टीम इंडिया के लिए सही साबित हो सकता है।

भारत-वेस्टइंडीज रिकॉर्डः 

टी-20 में  भारत और वेस्टइंडीज के बीच अब तक का मुकाबला बराबरी पर रहा है। दोनों टीमों के बीच अब तक चार टी-20 मैच खेले गए है, जिसमें से वेस्टइंडीज और टीम इंडिया ने 2-2 मैच जीते हैं।

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