अफसरों पर भड़के योगी, बोले- लखनऊ क्यों आ रही हैं तहसीलों, थानों की शिकायतें


मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनने के बाद ही आम लोगों की समस्याओं को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद जनता दर्शन में रोज 4 से 6 हजार शिकायतें मिल रही हैं। इनमें चकरोड की पैमाइश न होने, अविवादित वरासत दर्ज न होने, दबंगों द्वारा संपत्तियों पर जबरन कब्जा, गंभीर आपराधिक घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज न किए जाने, दर्ज एफआईआर की विवेचना में अत्यधिक समय लिए जाने की समस्याएं ज्यादा होती हैं। इनका स्थानीय स्तर पर निपटारा हो जाए तो आम लोगों को लखनऊ की दौड़ न लगानी पड़े।
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उन्होंने चेताया कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रत्येक समस्या का निश्चित समय सीमा में गुणवत्ता के साथ समाधान किया जाए। समस्या के समाधान से शिकायतकर्ता को संतुष्ट रहना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि डीएम व एसपी हर सप्ताह और मुख्य सचिव हर महीने जन शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करें।
हर महीने 24 घंटे के नोटिस पर करेंगे समीक्षा
सीएम हर महीने 24 घंटे के नोटिस पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम व पुलिस अधीक्षकों के साथ जनसमस्याओं के निस्तारण की समीक्षा करेंगे। शिकायत के समाधान के संबंध में शासन को गलत रिपोर्ट देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भूख से मौत हुई तो डीएम, डीएसओ जिम्मेदार
सीएम ने गौतमबुद्धनगर में एक फरियादी का राशन कार्ड न बनने की शिकायत का जिक्र करते हुए कहा कि गरीबों को पात्र गृहस्थी या अंत्योदय राशन कार्ड उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। किसी भी व्यक्ति की भूख से मृत्यु होने पर संबंधित डीएम व डीएसओ जिम्मेदार होंगे।
कांवड़ यात्राएं सुगमता से संपन्न कराएं
सीएम ने कहा कि सावन में कांवड़ यात्राएं संचालित होंगी। इस संबंध में जारी शासनादेश का पालन करते हुए कांवड़ यात्राओं को सुगमता से संपन्न कराएं।





