अफगानिस्तान में भूकंप से तबाही, 800 लोगों की मौत और 2500 घायल

अफगानिस्तान में आए भूकंप ने काफ़ी तबाही मचाई है। दक्षिणी पूर्वी हिस्से में रात को भूकंप के तेज झटके महसूस हुए जिससे कई घर मलबे में बदल गए। इस घटना में लगभग 800 लोगों की मृत्यु हो गई और 1500 से ज्यादा लोग घायल हो गए। भूकंप का असर पाकिस्तान और भारत में भी महसूस किया गया। रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 6.0 मापी गई।
अफगानिस्तान में भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। अफगानिस्तान के दक्षिणी पूर्वी हिस्से में देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई घर मलबे में तब्दील हो गए। इस दौरान 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह से जख्मी हैं। वहीं, भूकंप के झटकों का असर पाकिस्तान और भारत में भी देखा गया है।
संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, बीती रात अफगानिस्तान समेत दिल्ली एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई है।
800 लोगों की मौत
अफगान के नांगरहार जन स्वास्थ्य विभाग ने प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने भी भूकंप की पुष्टि की है। रहीमी का कहना है कि भूकंप के तेज झटकों से कई घर धराशायी हो गए। शुरुआत में 9 लोगों की मौत और 15 लोगों के घायल होने की खबर सामने आई थी। मगर, अब 800 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है और 1,500 से ज्यादा लोग घायल हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।
अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमन के अनुसार,
मरने वालों और घायलों की संख्या काफी ज्यादा है। हालांकि, उस इलाके में पहुंचना काफी मुश्किल है। हमारी टीम मौके पर मौजूद हैं।
कब आया भूकंप?
USGS के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व में जमीन के 8 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया है। यह भूकंप रविवार-सोमवार की रात 12:47 मिनट पर आया। अफगानिस्तान के अलावा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भी झटके महसूस किए गए हैं।
दिल्ली NCR तक हुआ असर
भूकंप का असर दिल्ली एनसीआर तक देखने को मिला। आधी रात को अचानक धरती हिलने से कई लोग अपने घरों से निकालकर बाहर भागे। लोगों में दहशत का माहौल था। हालांकि, अफगानिस्तान की तुलना में दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके हल्के थे, जिससे कोई जानमाल की हानि नहीं हुई।
क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र में टैक्टॉनिक गतिविधिया काफी सक्रिय हैं। भारतीय प्लेट और यूरोशियन प्लेट के खिसकने के कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इससे पहले 2 अगस्त को भी इस इलाके में 5.5 की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र जमीन से 87 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया था। वहीं, 6 अगस्त को यहां 4.2 की तीव्रता वाला भूकंप महसूस किया गया था।