अपने इस आदेश को पलटने की तैयारी में सुप्रीम कोर्ट, जल्द कर सकती है बड़ा ऐलान
इनमें दहेज उत्पीड़न मामले में बिना जांच-पड़ताल के पति और ससुरालियों की गिरफ्तारी पर रोक की बात कही गई थी। साथ ही पीठ ने कहा था हर जिले में कम से एक परिवार कल्याण समिति का गठन करने का निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि 498 ए की हर शिकायत को समिति के पास भेजा जाए और समिति की रिपोर्ट आने तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए। साथ ही इस काम के लिए सिविल सोसाइटी को शामिल करने का निर्देश दिया गया था।
अदालत ने कहा था कि धारा-498ए के तहत पुलिस या मजिस्ट्रेट तक पहुंचने वाली शिकायतों को इस तरह की समिति के पास रेफर कर दिया जाना चाहिए। एक महीने में समिति की रिपोर्ट देनी होगी।
रिपोर्ट आने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए। इसके बाद रिपोर्ट पर जांच अधिकारी या मजिस्ट्रेट मेरिट के आधार पर विचार करेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धारा-498 ए की शिकायत की जांच विशिष्ट अधिकारी द्वारा होनी चाहिए।