अदाणी समूह ने बेच दिया ‘फॉर्च्यून’ तेल का कारोबार, बड़ी डील के साथ निकली बाहर

अदाणी ग्रुप के एक फैसले के चलते अदाणी विल्मर एग्री बिजनेस लिमिटेड के शेयरों में 6 फीसदी की गिरावट आ गई। दरअसल, शेयरों में यह भारी बिकवाली एक ब्लॉक डील के चलते आई है, जिसमें अदाणी समूह ने अदाणी विल्मर लिमिटेड में अपनी शेष 7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी, और पूरी तह से इस कंपनी से बाहर निकल गई है। AWL के शेयर सुबह 280.70 रुपये पर खुले और इंट्रा डे में 266.45 रुपये का लो लगा दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह इस ब्लॉक डील की वैल्यू लगभग 2500 करोड़ रुपये हो सकती है।
वहीं, इस बड़े ट्रांजेक्शन की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, वैनगार्ड, चार्ल्स श्वाब, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, एसबीआई म्यूचुअल फंड, टाटा एमएफ, क्वांट एमएफ और बंधन एमएफ समेत अन्य घरेलू म्यूचुअल फंड हाउसों ने कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी है। इसके अलावा, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य एशियाई बाजारों के कई अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने भी क्लीन-आउट ब्लॉक में निवेश किया है।
दो हिस्सों में बेची हिस्सेदारी
इस सप्ताह की शुरुआत में अदाणी समूह ने AWL में अपनी 13 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर कंपनी में अपना स्टैक घटाकर 7 प्रतिशत कर लिया था। दरअसल, विल्मर में हिस्सेदारी बेचने और एफएमसीजी कारोबार से बाहर निकलना, अदाणी समूह का बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पोर्टफोलियो पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति का हिस्सा है।
उधर, अदाणी ग्रुप के कंपनी से पूरी तरह बाहर निकलने के बाद अब सिंगापुर स्थित विल्मर इंटरनेशनल 57 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ कंपनी का प्रमोटर बन गया है।
बता दें कि 1999 में स्थापित अदाणी विल्मर, अदाणी एंटरप्राइजेज और विल्मर इंटरनेशनल का ज्वाइंट वेंचर है। अदाणी विल्मर लिमिटेड (AWL), भारत की सबसे बड़ी खाद्य तेल फ्रैंचाइज़ी – “फॉर्च्यून” ब्रांड की मार्केटिंग करती है, गेहूं के आटे, चावल, दालों और रेडी-टू-कुक उत्पादों का एक इंटीग्रेटेड फूड बिजनेस भी चलाती है।





