अजमेर के अंदरकोट में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, ढाई सौ से ज्यादा अतिक्रमण हटाए

शहर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र अंदरकोट में शनिवार सुबह वन विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को अंजाम दिया। यह कार्रवाई तारागढ़ मार्ग से मीठा नीम दरगाह और बड़ा पीर दरगाह रोड तक फैले वन क्षेत्र में की गई, जहां करीब 250 से अधिक अवैध रूप से बनाए गए कच्चे-पक्के निर्माणों को ध्वस्त किया गया।
कार्रवाई के दौरान क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अमला तैनात किया गया है। करीब 900 पुलिसकर्मी, 250 वनकर्मी, एसटीएफ टीमें, थानाधिकारी, एडिशनल एसपी हिमांशु जांगिड़ और एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ मौके पर मौजूद रहे। चार जिलों अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा और नागौर से अतिरिक्त बल बुलाया गया ताकि कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
वन विभाग की टीम ने सख्त रुख अपनाते हुए सुबह 7 बजे से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया। इस दौरान पैदल मार्ग पर बनी दुकानों को हटाया गया, जो वर्षों से अवैध रूप से वन भूमि पर संचालित हो रही थीं। विभाग ने 268 से अधिक निर्माणों को चिह्नित किया और जिन पर कोर्ट का स्थगन आदेश नहीं था, उन्हें तत्काल ध्वस्त करने का काम शुरू कर दिया। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया। मीडिया की मौके पर एंट्री पर अस्थायी रोक लगा दी गई, हालांकि प्रशासन ने कार्रवाई की फोटो और वीडियो जारी किए हैं। स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण रही और पुलिस व प्रशासन की संयुक्त निगरानी में अभियान आगे बढ़ाया गया।
बताया जा रहा है कि यह इलाका लंबे समय से अवैध निर्माण और अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहा था। स्थानीय लोगों की शिकायतों और वर्षों से लंबित फाइलों के आधार पर अब जाकर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के इस अभियान में सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई केवल अवैध अतिक्रमण हटाने के उद्देश्य से की गई है।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अभी जारी है और संभावना है कि यह अभियान देर रात तक चलता रहेगा। प्रशासन ने आम जनता से सहयोग बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि सरकारी भूमि की सुरक्षा के लिए भविष्य में भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।