अचानक आसमान से गिरने लगा जेट फ्यूल, स्कूल में मची भगदड़, 20 बच्चे समेत 60 लोग हुए…

कभी-कभी आसमान से ऐसी आफतें भी आती हैं जिनकी कोई उम्मीद नहीं होती. ऐसी ही एक आफत मंगलवार शाम को लॉस एजेंल्स में आई. हुआ यूं कि लॉस एजेंल्स एयरपोर्ट से चीन के शंघाई शहर जा रहा था. लेकिन अचानक उसके इंजन में कुछ गड़बड़ी पता चली तो तत्काल उसे इमरजेंसी लैंडिंग के लिए कहा गया. इसी इमरजेंसी लैंडिंग की प्रक्रिया के तहत अक्सर विमान अपने ईंधन को कम करते हैं. जेट फ्यूल पांच प्राइमरी स्कूल और एक हाईस्कूल पर जा गिरा. इस वजह से बच्चों समेत 60 लोग घायल हो गए. 

लॉस एंजिल्स काउंटी दमकल विभाग के निरीक्षक सीन फर्ग्यूसन ने बताया था कि जेट फ्यूल के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित स्कूल कुडाही में पार्क एवेन्यू एलीमेंटरी था, जहां 20 बच्चों और 11 लोगों को मामूली चोटें आई थीं. स्कूल एयरपोर्ट से करीब 31 किलोमीटर दूर है. इससे उस इलाके में अफरातफरी मच गई. कई बच्चों ने जलन की शिकायत की. तत्काल इमरजेंसी सर्विसेज को भेजा गया. ज्यादातर बच्चों को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई.

इसके अलावा सैन गैब्रियल एलिमेंट्री, ग्राहम एलिमेंटरी, ट्वीड एलीमेंट्री, 93 वें स्ट्रीट एलिमेंटरी और जॉर्डन हाई स्कूल पर जेट फ्यूल जा गिरा. जेट फ्यूल की चपेट में आए कुछ लोगों को साबुन और पानी से धोया गया था, लेकिन किसी को अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी. 

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दमकल विभाग के निरीक्षक स्काई कॉर्नेल ने कहा कि बच्चों को गाउन दिया गया ताकि वे अपने कपड़े बदल सकें. एक स्टूडेंट ने बताया कि पहले मुझे लगा कि पानी की बूंदें नीचे आ रही थीं, लेकिन मैंने ऊपर देखा तो यह गैसोलीन था. हालांकि, विमान में गैसोलीन का उपयोग नहीं होता. यह एयर ट्रैफिक फ्यूल (ATF) था.  

डेल्टा एयर लाइन्स ने कहा कि जेट फ्यूल का रिसाव विमान 89 से हुआ था, जो चीन के शंघाई के लिए जा रहा था. तकनीकी खराबी के कारण उसे तुरंत लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट पर वापस लौटना पड़ा. विमान को सुरक्षित लैंडिंग के लिए जेट फ्यूल को कम करना था. इस विमान में 288 यात्री सवार थे. गनीमत की बात है कि विमान की सुरक्षित लैंडिंग हुई. 

डेल्टा एयरलाइंस ने बताया कि सुरक्षित इमरजेंसी लैंडिंग के लिए जरूरी होता है कि विमान का वजन कम हो. ऐसे में जेट से ईंधन गिराया जाता है. जिसे फ्यूल डंप कहते हैं. यह एक बोइंग 777-200 विमान था. फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन अब इस हादसे की जांच में लग गई है. जांच इसलिए हो रही है क्योंकि नियम के अनुसार किसी भी विमान को इमरजेंसी में भी आबादी वाले इलाके के ऊपर जेट फ्यूल डंप करने की अनुमति नहीं होती.  

फ्यूल डंप करने के लिए अमेरिका में बेहद कड़े कानून हैं. विमान के पायलट को ऐसी आपातकालीन स्थिति में गैर-आबादी वाले इलाके पर फ्यूल डंप करना होता है. आमतौर पर नियम यह होता है कि इमरजेंसी में विमान को फ्यूल डंप करना है तो उसकी ऊंचाई 10 हजार फीट से ज्यादा हो और वह पानी के ऊपर हो. 

डेल्टा के पायलट के पास ये दोनों ऑप्शन नहीं थे. उसने थोड़ी देर पहले ही टेकऑफ किया था इसलिए उसकी ऊंचाई ज्यादा नहीं रही होगी. क्योंकि अगर वह 5 हजार फीट के ऊपर भी फ्यूल डंप करता तो वह नीचे आते-आते भांप बनकर उड़ जाता. इसका मतलब ये है कि विमान की ऊंचाई 5000 फीट से कम थी, इसलिए बच्चों पर फ्यूल गिरा.

 

 

 

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