अगर रोजाना रहते हैं मुंह में छाले तो अभी हो जाएं अलर्ट, कैंसर तक हो सकता है आपको

माउथ अल्सर एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना हर दूसरे व्यक्ति को करना पड़ता है, पर लोग तब तक इस पर ध्यान नहीं देते, जब तक कि छाले की वजह से उनका खाना-पीना मुश्किल न हो जाए। अकसर लोग इसे मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि उपचार में देर होने पर यह समस्या गंभीर रूप धारण कर सकती है। बेहतर यही होगा कि शुरुआती दौर में ही इसका उपचार कराया जाए। आमतौर पर जीभ, गालों के भीतरी हिस्से, तालू, होंठों के आसपास और गले में माउथ अल्सर के लक्षण नजर आते हैं।
मुंह में अल्सर के लक्षण
मुंह में अल्सर होने पर खाते-पीते वक्त बहुत दर्द होता है। व्यवहार में चिड़चिड़ापन होता है। इसके अलावा हमेशा थकान महसूस होने लगती है। साथ ही मुंह की घाव में लालिमा नजर आने लगती है।
अल्सर के कारण
अत्यधिक मिर्च-मसालों के सेवन से भी इसके लिए जिम्मेदार होता है। क्योंकि यदि पेट की क्रिया सही नहीं है तो उसकी प्रतिक्रिया मुंह के छालों के रूप में प्रकट हो सकती है। कई बार चीज खाते समय दांतों के बीच जीभ या गाल का हिस्सा आ जाता है, जिसकी वजह से छाले उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे छाले आमतौर पर मुंह की लार से खुद ठीक हो जाते हैं। सुपारी आदि खाने के बाद बिना कुल्ला किए रात को सो जाने से भी छाले हो जाते हैं। इसके अलावा तंबाकू, पान-मसाला और धुम्रपान भी मुंह के छालों का कारण बनते हैं। यदि छाले कैंसर में बदल जाते हैं तो शुरू-शुरू में उनमें कोई दर्द नहीं होता है। लेकिन बाद में थूक के साथ खून आना भी शुरू हो सकता है। यहां तक कि खाना निगलने में भी परेशानी का अनुभव होने लगता है। कुछ बीमारियां भी मुंह में छाले पैदा कर सकती है। जैसे हर्पीज संक्रमण या बड़ी आंत की सूजन। इसके अलावा ये छाले वंशानुगत भी हो सकते हैं।
निदान
छाले होने पर गर्म चाय-कॉफी और मिर्च-मसालों का सेवन न करें। क्योंकि इनसे तकलीफ बढ़ सकती है। अधिक कठोर टूथब्रश के इस्तेमाल से भी मसूढ़े छिल जाते हैं या उनमें घाव हो जाते हैं। इसलिए हमेशा मुलायम ब्रश का ही इस्तेमाल करें। यदि छालों के वजह से कब्ज हो तो ईसबगोल की एक चम्मच भूसी रात को लेनी चाहिए।
उपचार
माउथ अल्सर के मरीजों को खाने में विटामिन-सी का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए आप दो-तीन गिलास संतरे का जूस प्रतिदिन पिएं। जितना हो सके ज्यादा मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें। ज्यादा फलों का सेवन करना चाहिए व तुलसी के कुछ पत्ते चबाएं जिससे राहत मिलेगी।
नोटः इगर आप किसी भी बीमारी के पेशेंट हैं तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।





