आपको सरकार को दोष देने का कोई हक नहीं, अगर आप नहीं करते मतदान: सुप्रीम कोर्ट
न्यायालय ने कहा कि अगर आप वोट नहीं डालते तो आपको सरकार से सवाल करने या उसे दोष देने का ‘कोई हक नहीं’ है। देश में अतिक्रमणों को हटाने के लिए एक व्यापक आदेश देने की मांग कर रहे एक कार्यकर्ता ने स्वीकार किया कि उसने कभी भी वोट नहीं डाला, जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने यह टिप्पणी की।
पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के लिए दिल्ली में बैठकर अतिक्रमणों पर ध्यान देना संभव नहीं है और जब भी याचिकाकर्ता सड़कों या फुटपाथ पर इस तरह का अतिक्रमण देखे, वह विभिन्न उच्च न्यायालयों का रुख करे।
न्यायालय ने साथ ही कहा कि अगर याचिकाकर्ता उच्च न्यायालयों का रूख नहीं करता है तो उसे लगेगा कि वह उच्चतम न्यायालय महज प्रचार के लिए आया है।
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पीठ ने तब धनेश से पूछा कि उन्होंने मतदान किया है या नहीं। इस पर धनेश ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी भी मतदान नहीं किया।’ इससे नाराज पीठ ने कहा, ‘अगर आपने वोट नहीं डाला तो आपको सरकार से सवाल करने या उसे दोष देने का कोई हक नहीं है।’