अगर आप आलू खाते तो खबर आपके लिए है

 चोइथराम मंडी में 50 बोरी आलू बेचने आए किसान को महज 1 रुपया मिला। अब किसान का यह बिल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

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अगर आप आलू खाते तो खबर आपके लिए है

 यही बिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजा गया है। देखना यह है कि आलू के कारण खून के आंसू रो रहे किसानों के लिए सरकार क्या कुछ कर पाती है। 
इस मामले ने प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए किये जा रहे तमाम प्रयासों की पोल खोल कर रख दी है। शासन की गलत नीतियों का खामियाज़ा किसान भुगत रहे हैं। कोई सड़कों पर आलू फेंक रहा है तो कोई मवेशियों को परोस रहा है। हालात ऐसे हो चुके है कि आलू के मिलनेवाले दाम को लेकर किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हो गए हैं। 
 
ईश्वरखेड़ी के किसान राजा चौधरी ने दो क्विंटल आलू को मंडी में महज एक रुपये में बेचा है। किसान ने बिल की कॉपी फेसबुक पर शेयर कर दी। यही नहीं, राजा को एक बार आलू बेचने के बाद 700 से अधिक रुपये मंडी के व्यापारी को देना पड़ा था। राजा द्वारा फेसबुक पर डाला गया बिल वायरल हो गया और बिल की पोस्ट किसान संघ के सदस्य केदार सिरोही के पास पहुंच गयी।
राजा की हालत देखते हुए केदार ने उसकी पोस्ट कॉपी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई विभागों को ट्वीट कर दी। केदार सिरोही के मुताबिक किसान को जागरूक करने के उद्देश्य से एक ग्रुप बनाया है, जिसके माध्यम से राजा के आलू के बिल के बारे में जानकारी लगी। किसान तीन से छह महीने मे फसल पैदा करता है, लेकिन सरकार की नीति के चलते उसको न तो फसल की सही कीमत मिल पा रही है, न ही फसल का फायदा मिल पा रहा है।
 

किसान संघ के मुताबिक किसान की इस हालत के पीछ सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है। जिस व्यापारी ने मंडी मे किसान से आलू खरीदे थे, उसके मुताबिक आलू का सौदा किया तो उसके हाथ मात्र एक रुपया आया। दरअसल, राजा के आलू 1175 रुपये में बिके थे, लेकिन हम्माली, दलाली और भाड़ा काट कर उसके हाथ सिर्फ एक रुपया आया। 

किसान संघ के मुताबित पिछले तीन महीने मे तीन सौ से ज्यादा किसान फसल खराब होने या अन्य कई कारणों के चलते ख़ुदकुशी कर चुके है। सरकार खेती को फायदे का धंधा बनाने की कवायदे करने की बाते कह रही है, लेकिन किसान को दो हजार किलो आलू की कीमत महज एक रुपये मिलना सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर रहा है।

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