अखिलेश ने मुस्लिमों की अनदेखी की, मेरी बात नहीं सुनी: मुलायम सिंह

नई दिल्ली: सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि अखिलेश ने जो किया है, उससे लोगों में हमारे लिए मुसलमान विरोधी मैसेज गया है। मैंने तीन बार अखिलेश को बुलाया, पर वो एक मिनट के लिए ही आए। मुझे अनसुना किया। मेरी बात शुरू होने से पहले ही चले गए।

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मुलायम ने कहा कि चुनाव आयोग जो भी फैसला देगा, वो हमें मंजूर होगा। अगर साइकिल का चिह्न नहीं मिला तो अलग सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।’

मुलायम ने पार्टी ऑफिस में कहा, ‘मैंने अखिलेश को कई बार मिलने के लिए बुलाया, लेकिन वह कुछ सुनने को तैयार नहीं है।’

‘हमारी पार्टी से बड़े-बड़े नेताओं को बाहर कर दिया गया। बलराम यादव को बर्खास्त किया गया, उसकी क्‍या गलती थी? मैंने बलराम को जबरदस्‍ती मंत्री बनवाया। ओमप्रकाश, नारद राय, अंबिका चौधरी जैसे बड़े नेताओं को निकाल दिया गया। इन सबकी क्या गलती थी? कितनी बड़ी गलत बात है ये।’

‘हमारी सरकार बनेगी तो अल्पसंख्यकों के लिए काम करूंगा। डीजीपी हमारी सुनता है। अखिलेश उसे डीजीपी नहीं बनाना चाहता था, जबकि इसी डीजीपी ने सीबीआई में हमारे खिलाफ लिखकर दिया था, लेकिन हमने उसे माफ कर दिया।’

‘अखिलेश हमारा बेटा है, लेकिन हमें नहीं मालूम था कि वो विरोधियों से मिल जाएगा।’

‘अखिलेश, रामगोपाल के कहने पर काम करता है और उनके कहने पर ही हमें फोन करता है।’

 मुलायम ने आगे कहा, ‘अब पार्टी सिंबल न हमारे हाथ में है, न अखिलेश के। चुनाव आयोग का जो भी फैसला आए, हम चाहते हैं कि हमारा आप लोग साथ दें।’

 ‘अब अखिलेश हमारी नहीं सुनता। हमने चुनाव चिन्ह को लेकर अपनी दावेदारी वकीलों के साथ चुनाव आयोग में रख दी है।’

‘उन लोगों ने भी अपनी बात रखी है, लेकिन पार्टी हमने बनाई है। मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं तो चुनाव चिन्ह हमें ही मिलेगा।’

‘हमने माइनॉरिटी के लिए काम किया है। अखिलेश को सोचना पड़ेगा कि वह अपने पिता का साथ दे या रामगोपाल का।’

‘रामगोपाल विरोधियों के कहने पर चल रहा है। हम लोग फिर बहुमत की सरकार बनाएंगे।’

 

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