अखिलेश ने अपनी लिस्‍ट से गायब किया मुलायम की छोटी बहू अपर्णा का नाम

यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से सीएम अखिलेश यादव ने 235 सीटों पर कैंडिडेट्स की अपनी लिस्ट गुरुवार रात जारी कर दी. इस लिस्‍ट में सबसे चौकाने वाली बात ये है कि इसमें मुलायम की छोटी बहू अपर्णा का नाम नहीं है. जबकि अपर्णा यादव का नाम लखनऊ कैंट से साल भर पहले ही घोषित हो चुका था.

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 आपको बता दें कि, इससे पहले भी जब सपा परिवार में घमासान हुआ था तो अखिलेश और मुलायम की दूसरी पत्‍नी साधना के बीच टकराव की बात सामने आई थी. चूंकि अपर्णा यादव साधन यादव के बेट प्रतीक की पत्‍नी हैं इस लिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अखिलेश ने जानबूझ कर अपनी लिस्‍ट में उनका नाम नहीं रखा. साथ ही अपर्णा को शिवपाल गुट का मेंबर भी कहा जाता है. यह भी एक वजह हो सकती है कि उनका नाम अखिलेश की लिस्‍ट में नहीं है.
 
लखनऊ कैंट से हैं सपा कैंडिडेट अपर्णा यादव
– वहीं, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। – मुलायम ने बुधवार (28 दिसंबर) को 403 विधानसभा सीटों में से 325 पर प्रत्‍याशी घोषित किए थे, जिसमें अपर्णा का भी नाम था।

अखिलेश की लिस्‍ट में लखनऊ कैंट से कैंडिडेट नहीं.

– इसके बाद गुरुवार को अखिलेश ने अपने चहेते लोगों की एक कैंडिडेट लिस्‍ट जारी की. इसमें कुल 235 कैंडिडेट्स और विधानसभा सीट के नाम थे.

– लेकिन इस लिस्‍ट में न लखनऊ कैंट से कोई भी प्रत्‍याशी घोषित नहीं किया गया है.

 अपर्णा को सीएम उम्‍मीदवार बनने की खबरों से भी नाराज हैं अखिलेश

– बीते दिनों जब परिवार में विवाद बढ़ा था तो ऐसी खबरें आईं थीं कि एक धड़ा अपर्णा को सीएम के तौर पर प्रोजेक्‍ट करना चाहता है.

 – उस समय अखिलेश गुट की ओर से यह आरोप भी लगाया गया था कि अपर्णा और मुलायम की पत्‍नी मीडिया को मैनेज करके ऐसी खबरें चला रहे हैं.

– एक युवा नेता ने तो बकायदा लेटर लिख कर इस विवाद के लिए साधना को दोषी ठहरा दिया था.

– इसके बाद से ही अखिलेश अपर्णा से नाराज चल रहे थे. साथ ही उनको यह अपर्णा के सीएम उम्‍मीदवार बनने की खबरें भी रास नहीं आई थीं.

 
– बता दें, जब अपर्णा को लखनऊ कैंट से टिकट दिया गया था, तो वो नाराज हो गईं थीं.– जानकारों की माने तो अपर्णा यादव सेफ सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं और उन्हें जहां से टिकट दिया गया है उसपर सपा कभी काबिज नहीं हो सकी है.– इसके बाद से ही अपर्णा नाखुश थीं, लेकिन फिर समर्थकों और खुद मु‍लायम के समझाने पर वे लखनऊ कैंट से लड़ने को तैयार हुईं थीं.

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