अकाली दल ने गुरुद्वारे में दखल कर आरोप लगाते हुए गठबंधन छोड़ने की धमकी दी
अकाली सूत्रों ने बताया कि पार्टी महाराष्ट्र के नांदेर में हजूर तख्त साहिब का भाजपा विधायक को प्रधान बनाने और महाराष्ट्र सरकार द्वारा गुरुद्घारा कानून में संशोधन कर विभिन्न गुरुद्घारे में प्रधानों की नियुक्ति का अधिकार अपने पास रखने से बेहद खफा है। मतभेद केसुर पटना साहिब मामले में भी दोनों दलों केबीच सामने आए थे। हालांकि तब सुखबीर सिंह बादल और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह केबीच हुई बातचीत केबाद स्थिति संभल गई। मगर इसके बाद नांदेर स्थित हुजूर तख्त साहिब में भाजपा विधायक केप्रधान बनने से अकाली दल फिर से नाराज हो गया।
सूत्रों के मुताबिक कल अपने विधायक सिरसा के माध्यम से भाजपा और मोदी सरकार पर सीधा हमला बोल कर अकाली दल ने भाजपा नेतृत्व को इस मुद्दे पर समझौता न करने का संदेश दिया था। हालांकि दूसरी ओर से कोई सकारात्मक संदेश न मिलने केकारण पार्टी ने बृहस्पतिवार को राजग की अहम बैठक से किनारा कर लिया। पार्टी के लिए मुश्किल यह है कि उसने किसी तरह बिहार के अपने सहयोगियों जदयू और लोजपा को मनाया है। शिवसेना को मनाने की कोशिश कर रही है। जबकि अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी पहले से नाराज बैठी है। इससे पहले टीडीपी, असम गण परिषद, हम, रालोसपा जैसे कई दल राजग से पहले ही दूर जा चुके हैं।