हेलमेट नहीं पहना तो स्कूटी सवार पर ठोका गया 20 लाख रुपये का चालान

नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांधी कॉलोनी चौकी पर ट्रैफिक पुलिस ने एक व्यक्ति को बिना हेलमेट के स्कूटी चलाते हुए पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के कागजात भी नहीं थे।

अगर एक दिन आपकी स्कूटी का चालान 20 लाख रुपये से भी ज्यादा का आ जाए तो क्या होगा? यकीनन आपके होश उड़ जाएंगे। कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में, जहां एक स्कूटी सवार का चालान देखकर न सिर्फ वह खुद बल्कि पूरा सोशल मीडिया हैरान रह गया। चालान में जुर्माने की रकम थी पूरे 20 लाख 74 हजार रुपये। यह कोई मजाक या फिल्म का सीन नहीं, बल्कि असली घटना थी जिसने पुलिस विभाग तक में हड़कंप मचा दिया। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह खबर

नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांधी कॉलोनी चौकी पर ट्रैफिक पुलिस ने एक व्यक्ति को बिना हेलमेट के स्कूटी चलाते हुए पकड़ लिया। पूछताछ में पता चला कि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के कागजात भी नहीं थे। ऐसे में नियम के मुताबिक उसका चालान काटा गया। लेकिन जब चालान की कॉपी देखी गई, तो वहां मौजूद हर कोई दंग रह गया। चालान की रकम थी 20 लाख 74 हजार रुपये।

चालान की रकम देख शख्स के पैरों तले खिसकी जमीन

थोड़ी ही देर में इस चालान की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोग तरह-तरह के कमेंट करने लगे। किसी ने लिखा, “क्या अब स्कूटी चलाने के लिए करोड़पति होना जरूरी है?” तो किसी ने कहा, “इतना चालान तो बड़ी-बड़ी लग्जरी कारों का भी नहीं होता।” लोगों ने इस पर खूब मीम्स भी बनाए और इसे सिस्टम की गलती बताया।

टाइपिंग एरर के कारण हुई ये गलती

जैसे-जैसे मामला वायरल हुआ, ट्रैफिक पुलिस के अफसरों तक बात पहुंची और तुरंत जांच के आदेश दिए गए। जांच में पता चला कि यह किसी की जानबूझकर की गई गलती नहीं थी, बल्कि एक टाइपिंग एरर थी। दरअसल, सब इंस्पेक्टर ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 207 गलत तरीके से भर दी थी। सिस्टम ने इस धारा की संख्या को जुर्माने की रकम में जोड़ दिया, जिससे चालान की राशि लाखों में पहुंच गई। जब यह गलती सामने आई तो अधिकारियों ने तुरंत चालान को सही किया। अब जुर्माने की राशि घटाकर 4 हजार रुपये कर दी गई और वाहन मालिक को राहत मिली। पुलिस अधिकारियों ने सफाई दी कि यह गलती तकनीकी कारणों से हुई थी और आगे से ऐसा न हो, इसके लिए संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

ऐसे सुलझा मामला

एक अधिकारी ने कहा, “ये एक टाइपिंग एरर था। सिस्टम ने ऑटोमैटिकली गलत एंट्री को फाइन अमाउंट में जोड़ दिया था। अब चालान को सही कर दिया गया है और संबंधित पुलिसकर्मी को सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।” इस घटना ने दिखा दिया कि एक छोटी सी तकनीकी गलती कितनी बड़ी परेशानी बन सकती है। हालांकि अब मामला सुलझ चुका है।

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