हिमाचल प्रदेश: इन ट्रैकर रूटों पर ट्रैकिंग के लिए लगी रोक

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले से लगे सभी ट्रेक रूटों पर ट्रेकिंग और पर्वतारोहण करने के लिए किन्नौर जिला प्रशासन ने अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। उपायुक्त जिला किन्नौर ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को पत्र भेजकर जिले के गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र व गंगोत्री नेशनल पार्क की तरफ से आने वाले सभी ट्रेकर्स को अनुमति न देने का आग्रह किया है।  

साथ ही, बिना परमिशन के आने वाले सभी ट्रेकर्स पर रोक लगाने के निर्देश दिए है। जिसके बाद जिला प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने लमखगा, बोर्शु, खिमला पास पर बिना अनुमति ट्रेकिंग करने पर सख्त कार्रवाई का मन बना लिया है। दूसरी ओर, खिमलोग-छितकुल ट्रैक पर बिना अनुमति लिए ट्रैकिंग पर गए नौ ट्रेकर और पोर्टरों पर गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय पार्क प्रबंधन ने मुकदमा दर्ज कराया है।

उधर, ट्रेक पर फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। खिमलोग दर्रे के बेस कैंप में तीन दिन से फंसे एक ट्रेकर और तीन पोर्टर के रेस्क्यू के लिए अभियान सोमवार को भी जारी रहा। खिमलोग ग्लेशियर में मृतक ट्रैकर के शव को लाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। हिमाचल और उत्तराखंड से 40 लोगों की रेस्क्यू टीम खिमलोग दर्रे के लिए बीते रविवार को रवाना हो गई थी।

सोमवार को दिनभर टीम ने खिमलोग दर्रे में फंसे पोर्टरों और ट्रैकर तक पहुंचने का प्रयास किया था, लेकिन क्षेत्र में कनेक्टीविटी की दिक्कतों के चलते रेस्क्यू टीम से संपर्क नहीं हो पा रहा है। उधर, गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय पार्क, मोरी के रेंज अधिकारी गौरव अग्रवाल ने खिमलोग-छितकुल ट्रैक पर बीते 28 अगस्त को बिना अनुमति के ट्रैकिंग पर गए नौ सदस्यों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।

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