हाइपरसोनिक मिसाइल: दो से तीन साल में सेना को मिल जाएगी हाइपरसोनिक मिसाइल

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दावा किया कि ध्वनि की गति से भी पांच गुना तेज रफ्तार वाली हाइपरसोनिक मिसाइल भारत को अगले दो से तीन साल में मिल जाएगी। भारत ने पहली बार आधिकारिक रूप से कहा है कि दो से तीन साल में इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। इसकी जद में पूरा पाकिस्तान जबकि आधा चीन आ जाएगा।

डीआरडीओ के प्रमुख डॉ समीर वी कामत ने एक समाचार चैनल के साथ बातचीत में कहा, भारत हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक पर तेजी से काम कर रहा है। हम इस दिशा में शुरुआती सफलताएं हासिल कर चुके हैं। अगले दो से तीन साल में इसका अंतिम परीक्षण पूरा हो जाएगा और फिर इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। कामत ने कहा, यह मिसाइल हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल पर आधारित है, जिसका भारत ने 2020 में ही सफल परीक्षण कर लिया था। पिछले साल नवंबर में ओडिशा में डीआरडीओ ने पहली बार लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया। हाल ही में डीआरडीओ ने इस मिसाइल के लिए 1000 सेकंड तक स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण किया है। यह इंजन हवा से ही ऑक्सीजन लेकर ईंधन जलाता है और पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। यह क्रूज मिसाइल है, जो बेहद कम ऊंचाई पर इतनी तेज गति से उड़ान भरती है कि इसे राडार के जरिए ट्रैक नहीं किया जा सकता। जाहिर है इसी वजह से इसे नष्ट भी नहीं किया जा सकता।

6000 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार
इसकी रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक सामान्य विमान से भारत से अमेरिकी की करीब 12,500 किलोमीटर की दूरी तय करने में जहां 16 घंटे से अधिक लगते हैं वहीं हाइपरसोनिक मिसाइल यही दूरी दो घंटे से कुछ अधिक समय में तय कर सकती है। अभी जो मिसाइल भारत बना रहा है उसकी गति 6174 (ध्वनि की गति 1234 किलोमीटर प्रति घंटा है) किलोमीटर प्रति घंटा जबकि मारक रेंज 2,000 किलोमीटर तक हो सकती है।

अमेरिका भी पीछे है इस तकनीक में
दुनिया में रूस, चीन, अमेरिका और भारत ही इस मिसाइल तकनीक पर काम कर रहे हैं। रूस ने यूक्रेन युद्ध के दौरान इस मिसाइल के इस्तेमाल का दावा किया था लेकिन पश्चिमी रक्षा विश्लेषकों ने तब इस दावे को सही नहीं माना। चीन और अमेरिका ने भी अभी तक आधिकारिक रूप से इसके विकास पर कोई बयान नहीं दिया है। इस लिहाज से देखा जाए तो भारत अगर दो साल में इसे सेना में शामिल किए जाने लायक बना लेता है तो वह इस तकनीक में अगुआ बन जाएगा।

किसी रडार की पकड़ में नहीं आएगी
इसकी रफ्तार की वजह से कोई रडार इसे नहीं पकड़ा सकता। दुश्मन को भनक लगने से पहले ही यह लक्ष्य को नष्ट कर देगी।

टारगेट सेट करिए और भूल जाइए
खास बात यह है कि हाइपरसोनिक मिसाइल इतनी तेज रफ्तार से उड़ान भरने के बावजूद अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाती है। एक बार टारगेट सेट करने के बाद इसका निशाने से चूकना असंभव है। जरूरत पड़ने पर बीच में ही मिसाइल का रास्ता बदला भी जा सकता है।

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