हरियाणा: महापंचायत ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के छह दिन बाद भी हरियाणा सरकार उनके परिवार को शव के पोस्टमार्टम के लिए सहमत नहीं कर पाई। रविवार को करीब सात घंटे तक हरियाणा सरकार व चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी आईएएस अमनीत पी कुमार व उनके परिवार के लोगों को मनाते रहे लेकिन देर रात तक कोई नतीजा नहीं निकला। परिवार डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पद से हटाने व ठोस कार्रवाई की मांग पर अड़ा है।

चंडीगढ़ के सेक्टर-20 स्थित वाल्मिकी मंदिर में दो घंटे चली महापंचायत में सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। महापंचायत ने कहा कि सरकार डीजीपी को उनके पद से हटाकर कार्रवाई करे वरना उग्र प्रदर्शन होगा और चंडीगढ़ की सफाई व्यवस्था ठप कर दी जाएगी। वहीं, अमनीत को सांत्वना देने वालों को तांता रविवार को भी लगा रहा। हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर असीम घोष, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह, जजपा अध्यक्ष अजय चौटाला, पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, भाजपा सांसद नवीन जिंदल सहित कई वरिष्ठ नेता अमनीत के घर पहुंचे।

शनिवार देर रात अमनीत को मनाने की नाकाम कोशिश के बाद हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी रविवार सुबह ही अमनीत पी कुमार के साथ सेक्टर 11 की कोठी में पहुंचे और यहां करीब तीन घंटे तक बातचीत की। सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और अन्य अधिकारियों ने नियमों का हवाला देकर अमनीत को समझाने की कोशिश की। उन्होंने तर्क दिया कि आप पूरण कुमार के शव का पोस्टमार्टम करवाएं नियमों व कानून में जो भी प्रावधान हैं उसके तहत कार्रवाई अवश्य की जाएगी। हालांकि अमनीत पहले कार्रवाई चाहती हैं और उसके बाद ही पोस्टमार्टम के लिए सहमति देने को तैयार हैं। सरकार ने अमनीत व उनके भाई से कहा है कि जांच में दोषी मिलने पर किसी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो। इस बैठक के बाद 31 सदस्यों की कमेटी के सदस्य गुरमेल सिंह ने मीडिया के सामने आकर कहा कि शव के पोस्टमार्टम को लेकर किसी तरह की सहमति नहीं बनी है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर कार्रवाई के बाद ही पूरण कुमार के शव का पोस्टमार्टम होगा।

इस बीच पता चला है कि अमनीत व उनके विधायक भाई के बीच पोस्टमार्टम के लिए तैयार होने को लेकर बातचीत हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। इसलिए कमेटी के फैसले को ही मानना ठीक समझा गया।

मंत्रिमंडल में भी उठा मामला, सरकारी बोली- न्याय होगा
मंत्रिमंडल की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों व मुख्य सचिव के साथ आधे घंटे तक अनौपचारिक बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अमनीत पी कुमार व वाई पूरण के साथ पूरी सरकार है। उनके परिवार के साथ न्याय किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने परिवार को दिए प्रस्तावों की जानकारी भी मंत्रिमंडल के सदस्यों को दी। कहा कि सरकार इस पूरे मामले की जांच करवाएगी और जो भी दोषी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि कोई पेच नहीं फंसा है। शनिवार को कैबिनेट बैठक को स्थगित करके अमनीत के परिवार को विश्वास दिलाया था कि सरकार उनके साथ है। परिवार की मांग पर एसपी का ट्रांसफर कर दिया है। अमनीत काबिल अफसर हैं और मेरे समाज की बेटी हैं। किन परिस्थितियों में ये घटनाक्रम हुआ उसकी जांच चल रही है।

राजभवन मार्च के लिए निकले दलित कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका
महापंचायत के दौरान दलित कार्यकर्ताओं का गुट पंजाब राजभवन जाने के लिए निकल पड़ा। उनकी मांग थी कि पूरी बात राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के सामने रखेंगे। कुछ लोग इस दौरान सड़क पर आ गए। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उनको रोक दिया। कुछ देर के लिए मुख्य मार्ग पर जाम की नौबत आ गई लेकिन उसके बाद उनको सर्विस रोड पर लाया गया। वहां काफी देर तक लोग नारेबाजी करते रहे। बाद में पंचायत के आयोजकों के कहने पर लोग लौट गए।

महापंचायत में पूर्व सांसद के बयान पर हंगामा
महापंचायत में पहुंचे कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी के बयान पर हंगामा हो गया। सैनी ने कहा कि हम वाल्मीकि की पूजा करते हैं वो स्वयं ब्राह्मण थे। इस पर महापंचायत में मौजूद लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। 31 सदस्यीय कमेटी के सदस्यों ने किसी तरह लोगों को शांत किया।

सुबह पाैने नौ बजे शुरू हुआ मान-मनौव्वल रात तक चलता रहा
अमनीत पी कुमार व उनके परिवार को मनाने के प्रयास रविवार सुबह होते ही शुरू हो गए। अमनीत को मनाने की कमान रविवार को मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सीएम के राजनीति सचिव तरुण भंडारी और सीआईडी चीफ सौरभ सिंह ने संभाली।

सुबह पौने नौ बजे अमनीत व उनके विधायक भाई अमित रतन सेक्टर-11 स्थित कोठी में सरकारी गाड़ी से पहुंचे। वहां मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर व दो अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ बैठक हुई। अधिकारियों ने अमनीत को निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया गया लेकिन अमनीत और अमित रतन डीजीपी शत्रुजीत कपूर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते रहे। करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद सुबह करीब 11.50 बजे अमनीत व अमित सेक्टर-24 स्थित सरकारी आवास पर आ गए।

दोपहर 12.20 बजे 31 सदस्यीय कमेटी के सदस्य गुरमेल सिंह ने स्पष्ट किया कि अभी तक मामले में कोई सहमति नहीं बनी है। गुरमेल ने भाजपा सरकार के दोनों मंत्री कृष्ण बेदी और कृष्ण लाल पंवार पर भी सहमति बनाने को लेकर बार-बार आने पर आपत्तिजनक कटाक्ष किया। दोपहर करीब 12.30 बजे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के राजनीतिक सचिव तरुण भंडारी सेक्टर 24 स्थित अमनीत कुमार के सरकारी आवास पर पहुंचे। उन्होंने पूरण कुमार को श्रद्धांजलि देने के साथ अमनीत के साथ करीब 30 मिनट तक बैठक की और एक बजे आवास से निकले। दोपहर में शुरू हुई कैबिनेट की बैठक में भी वाई पूरण कुमार का मामला उठा और मंत्रियों ने जल्द हल निकालने की बात की।

दो बजे दलित संगठनों की तरफ से बनाई गई 31 सदस्यीय कमेटी की महापंचायत शुरू हुई। दोपहर 3.30 बजे तरुण भंडारी एक बार फिर अमनीत से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंचे और 20 मिनट की बातचीत के बाद वापस चले गए। शाम 4.05 बजे भाजपा सांसद नवीन जिंदल सांत्वना देने पहुंचे। शाम 4.12 बजे सीआईडी चीफ एडीजीपी सौरभ सिंह हरियाणा सरकार का संदेश लेकर अमनीत कुमार से मिलने पहुंचे और 4.52 बजे लौट गए। इसके बाद महापंचायत में सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया गया। शाम 5.31 बजे हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर असीम घोष अमनीत के आवास पर पहुंचे। देर शाम तक सरकार के अधिकारी मामले का हल निकालने में प्रयासरत रहे।

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